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  • ए केरियर फॉर यू

    • लेखक:प्रकाशन विभाग
    • विषय:संदर्भ कार्य
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:150

    यह पुस्‍तक जाने माने विशेषज्ञों और केरियर परामर्शदाताओं द्वारा लिखे गए लेखों का संग्रह है, जिन्‍हें रोजगार समाचार में समय समय पर प्रकाशित किया गया था। यह पुस्‍तक विभिन्‍न कार्यों और रोजगार हीन आकांक्षी युवाओं के लिए केरियर की एक संपूर्ण मार्गदर्शक है। इसमें रोजगार क्षेत्र के लगभग सभी क्षेत्रों को लिया गया है - रक्षा सेवाओं से लेकर स्‍वयं रोजगार कार्यक्रमों तक - और कोई व्‍यक्ति इन रोजगारों के लिए कैसे आवेदन करें या अपना व्‍यापार उद्यम कैसे आरंभ करें।

    यह आशा की जाती है कि "ए केरियर फॉर यू" उन आकांक्षियों को उपलब्‍ध रोजगार के अवसरों के बारे में उचित मार्गदर्शन तथा ज्ञान प्रदान करने में एक लम्‍बी दूरी तय करेगी जिन्‍हें अपना केरियर चुनते समय संबंधित जानकारी पाने में कठिनाई होती है।

  • कोट्स ऑफ सरदार पटेल

    • लेखक:प्रकाशन विभाग
    • विषय:जीवनी
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:70

    “आपकी अच्‍छाई आपके रास्‍ते में बाधा है, तो अपनी आंखों को गुस्‍से से लाल करो और अन्‍याय से मजबूती के साथ लड़ों” (सरदार पटेल, 12 मार्च, 1928 को बारदोलाई में लोगों को संबोधित करते हुए)।

    प्रस्‍तुत पुस्‍तक कोट्स ऑफ सरदार पटेल में य‍ह तथा अन्‍य अनेक उद्धरण सरदार पटेल का सच्‍चा चरित्र प्रस्‍तुत करते हैं जो इन्‍हें एक चतुर राज नेता और वक्‍ता के रूप में दर्शाते हैं साथ ही वे मानव मन की उत्‍कृष्‍टता के साथ लोहे के समान मजबूत इच्‍छा शक्ति के स्‍वामी बताए गए हैं।

    इस पुस्‍तक की संकलनकर्ता डॉ. प्रभा चोपड़ा ने सरदार पटेल पर अनेक पुस्‍तकें लिखी हैं - जिनमें सरदार पटेल के महान व्‍यक्तित्‍व और स्‍वराज की प्राप्ति के लिए लम्‍बे समय तक चले राजनैतिक संघर्ष में उनकी अनोखी भूमिका दर्शाई गई है।

  • प्रैस फ्रीडम

    • लेखक:के. जी. जोगलेकर
    • विषय:अन्‍य
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:85

    प्रेस की आजादी नि:स्‍संदेह लोकतंत्र का आधार है। यह एक सहज सी बात प्रतीत हो सकती है परन्तु इसमें ऐसे ढेर सारे मुद्दे हैं, जिन्‍हें समझना आसान नहीं है।

    यह पुस्‍तक प्रेस की आजादी, यह किसकी आजादी है? पर कई सवाल उठाती है। जब हम प्रेस की आजादी की बात करते हैं तो क्‍या यह प्रकाशक - स्‍वामी की आजादी है? ये तथा अन्‍य अनेक रोचक पक्ष प्रेस की आजादी के बारे में लेखक श्री के जी जोगलेकर ने उठाए हैं। श्री के जी जोगलेकर एक जाने माने पत्रकार हैं और उन्‍होंने कई पुस्‍तकें लिखी हैं। यह पुस्‍तक निश्चित रूप से मीडिया में दिलस्‍पी रखने वाले लोगों को रुचिकर लगेगी।

  • कंसाइंस ऑफ द रेस

    • लेखक:बिबेक नंदा राय
    • विषय:नए आगमन
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:240

    भारत में सिनेमा फ्रांस से 7 जुलाई 1896 को आया था, जब 6 मूक फिल्‍म पट्टियां मुम्‍बई में वॉट्सन होटल के हॉल में ल्‍यूनियर बंधुओं द्वारा दिखाई गई। इसके तीन वर्ष बाद मराठी स्टिल फोटोग्राफर एचएस भाट वाडेकर ने मुम्‍बई के कमला नेहरू पार्क में पहली फिल्‍म पट्टी की शूटिंग की जो भारत की पहली फिल्‍म मानी जाती है। इसके 14 वर्ष बाद 1913 में डी जी फालके ने पहली भारतीय फीचर फिल्‍म राजा हरिश्‍चंद्र बनाई। भारतीय सिनेमा 1971 में जापान को पीछे छोड़ते हुए विश्‍व का सबसे बड़ा सिनेमा जगत बन गया। यहां हर साल लगभग 900 फीचर फिल्‍में बनाई जाती है जिनकी संख्‍या 2003 में लगभग 33000 हो गई। जब सत्‍यजीत राय ने दुनिया का ध्‍यान अपनी पहली फिल्‍म पाथेर पांचाली के जरिए 1955 में भारतीय सिनेमा पर दुनिया का ध्‍यान आकर्षित किया तब एक नई पीढी शुरू हुई, जिसे कला फिल्‍म, अल्‍पसंख्‍यक, समानान्‍तर, ऑफ बीट आदि नाम दिए गए। सत्‍यजीत राय को ऑफ बीट शब्‍द पसंद था। इस दौर में लेखक ने इस पीढ़ी के बारे में बारीकी से स्थिति का चित्रण किया है और यह अपने आप में संपूर्णता को समाए हुए दौड़ की मन: स्थिति दर्शाती है। पश्चिम बंगाल में 1940 के दौरान जन्‍मे लेखक ने अंग्रेजी साहित्‍य का अध्‍ययन किया है और उन्‍होंने भारतीय सूचना सेवा में कार्य किया है। उन्‍होंने भारतीय समाचार पत्रों के रजिस्‍ट्रार के पद से सेवानिवृत्ति के पहले विभिन्‍न मीडिया इकाइयों में कार्य किया है। एक जाने माने फिल्‍म दर्शक के रूप में कम उम्र में ही श्री राय ने विभिन्‍न समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में अच्‍छे सिनेमा के बारे में लिखा है जिसमें साइट एण्‍ड साउंड, लंदन, डिक्‍शनरी ऑफ फिल्‍म एण्‍ड फिल्‍म मेकर, शिकागो शामिल है।

  • इंडियन रेलवे

    • लेखक:आर. आर. भंडारी
    • विषय:संदर्भ कार्य
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:250

    यह पुस्‍तक देश में 150 वर्षों से भारतीय रेलवे की सफल यात्रा का चित्रण करती है और इस विविधता से भरे हुए प्रलेख में अनेक घटना क्रमों का वर्णन किया गया है। वरिष्‍ठ प्रशासक और रेल में रुचि रखने वाले लेखक द्वारा लिखित यह पुस्‍तक भारतीय रेलवे के उन रोचक तथ्‍यों और आंकड़ों की स्‍पष्‍ट अभिव्‍यक्ति है जो अब भारत की समृद्ध सांस्‍कृतिक विरासत का हिस्‍सा बन गए हैं। प्रतिष्ठित लेखक ने भाप से चलने वाले इंजन के विकास की विभिन्‍न अवस्‍थाओं से लेकर वर्तमान समय के पर्यावरण अनुकूल मेट्रो रेल का विवरण प्रस्‍तुत किया है जो भूमिगत रूप से चलती है, इसमें महान भारतीय उप महाद्वीप रेलवे कंपनी से लेकर भारतीय रेल की विदेशों में भव्‍य छवि को दर्शाया गया है। इसमें लेखक ने भारतीय रेलवे के सभी पक्षों और प्रचालनों को सुंदरतापूर्वक चित्रित किया है।

  • हिस्‍ट्री ऑफ द फ्रीडम मूवमेंट इन इंडिया

    • लेखक:तारा चंद
    • विषय:कला, संस्‍कृति और इतिहास
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:300

    भारत की स्‍वतंत्रता का संग्राम अपने आप में अनोखा है, जब इसकी तुलना समकालीन इतिहास के अन्‍य संग्रामों के साथ की जाए इसमें न केवल महान भारतीय सभ्‍यता को एक समेकित राष्‍ट्र में रूपांतरित किया बल्कि इतिहास के सर्वाधिक लोकप्रिय अभियानों के लिए एक बैंच मार्क का सृजन भी किया। इसमें विदेशी शासन और अकारण जा‍तीय अभियानों के खिलाफ संघर्ष शामिल है जो विदेशी शासकों तथा भारतीय नागरिकों के प्रति निर्देशित है। उप निवेश काल की विकरालताओं के प्रत्‍युत्तर के रूप में 19वीं शताब्‍दी के मध्‍य में इसका उद्भव हुआ जो महात्‍मा गांधी, जिन्‍हें भारत में एक संत का स्‍थान प्राप्‍त है, के नेतृत्‍व में हाल के इतिहास का जन आंदोलन बन गया। महात्‍मा गांधी का सत्‍य और अहिंसा का असाधारण हथियार लाखों भारतीयों के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश राज के खिलाफ शक्ति का प्रतीक बन गया। भारत की आजादी के पाठ दुनिया भर के नेताओं इतिहास पर चार खंडों में प्रस्‍तुत यह श्रृंखला प्रतिष्ठित इतिहासकार और विज्ञान डॉ. तारा चंद्र द्वारा उन परीक्षण कालों का उच्‍च स्‍तरीय विश्‍लेषण प्रस्‍तुत करती है। स्‍वतंत्रता संग्राम का यह प्रामाणिक और अंतरद़ष्टि पूर्ण विश्‍लेषण छात्रों तथा जन सामान्‍य के बीच पिछले चार दशकों से अधिक समय से लोकप्रिय है।

  • महात्‍मा गांधी: ए ग्रेट लाइफ इन ब्रीफ

    • लेखक:विंसेंट शीयान
    • विषय:गांधीवादी
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:80

    यह सच ही कहा गया है कि "हम गांधी के जीवन को संतोषजनक रूप से समझ नहीं सकते।" राष्‍ट्रपिता के जीवन को एक छोटी सी पुस्‍तक में समेटना हमेशा से एक दुष्‍कर कार्य रहा है। यहां तक कि लेखक स्‍वयं इसे मानते हैं कि ऐसा अन्‍य कोई मामला नहीं है आपकी प्रत्‍येक तथ्‍य पता हो फिर भी आप इनका योग न निकाल सकें। जबकि इस पुस्‍तक के माध्‍यम के बारे में रहस्‍यों का वर्णन पढ़कर प्रशंसा किए बिना नहीं रह सकता। लेखक विंसेंट शीयान एक विदेशी हैं जो महात्‍मा गांधी के देहावसान के प्रत्‍यक्षदर्शी हैं। स्‍वयं उनकी आंखों से देखी गई घटना का विवरण इसे और अधिक प्रामाणिक बनाता है, जिसने भारतीय सामाजिक और राजनीतिक जीवन में क्रांति पैदा कर दी।

  • इंडिया 2006

    • लेखक:बिबेकानंद राय
    • विषय:नए आगमन
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:240

    भारत 2006 में पिछले वर्ष विभिन्‍न क्षेत्रों में राष्‍ट्र की तीव्र गति से आए उतार चढ़ावों का विवरण है। यह संदर्भ वार्षिकी भारत की अर्थ व्‍यवस्‍था, राजनीति, वैज्ञानिक उपलब्धियों, मूलभूत मूल संरचना, कला और संस्‍कृति के बारे में अद्यतन जानकारी का संकलन हैं जो केंद्रीय मंत्रालयों, राज्‍यों, संघ राज्‍य क्षेत्रों और अनेक महत्‍वपूर्ण संगठनों से प्राप्‍त की जाती हैं। यह अंक भारत श्रृंखला का पचासवां अंक है।

  • भारतीय विज्ञान मंजूषा

    • लेखक:एम. एस. श्रीधरन
    • विषय:विज्ञान और प्रौद्योगिकी
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:600

    विज्ञान तथ्‍यों को जानने और सत्‍य की व्‍यवस्थित खोज का एक जुनून है। यह स्‍वतंत्रता के परिवेश में पनपता है। ऐसा परिवेश प्राचीन भारत में पाया जाता था, जहां सत्‍य पाने का जुनून अभिव्‍यक्ति और संयम पाने की इच्‍छा कर सकता था। प्राचीन भारत के लोगों ने दर्शन शास्‍त्र, धर्म, शुद्ध विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अपार योगदान दिए। यही कारण है भारत को मानव की जाति की बौद्धिक विरासत कहा जाता है। प्रथम सहस्राब्दि के अंत में भारत अपनी भव्‍यता के चरम बिंदु पर था, जब तथाकथित ''नई दुनिया'' की खोज नहीं हुई थी और दुनिया को औद्योगिक क्रांति के जन्‍म के देश की जानकारी भी नहीं थी। यह विश्‍व कोष जाने माने लेखक श्री एम एस श्रीधरन द्वारा कई वर्षों तक निरंतर किए गए कार्यें का परिणाम है, जिन्‍होंने इनका संग्रह और संकलन किया तथा शब्‍द कोष के रूप में प्राचीन विज्ञान एवं सूचना को लेखनीबद्ध किया। यह पुस्‍तक लेखक अद्वितीय विद्वता के प्रति आभार है जो अब दिवंगत हैं। यह पुस्‍तक पाठकों, विशेष रूप से भारत के युवाओं के लिए एक मार्गदर्शक तथा प्रेरणा स्रोत है।

  • इंडियन कैलेंड्रिक सिस्‍टम

    • लेखक:एस.के. चैटर्जी
    • विषय:कला, संस्‍कृति और इतिहास
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:85

    यह पुस्‍तक भारतीय कैलेंडर प्रणाली में कार्य करने के ज्‍योतिष विज्ञानी सिद्धांतों पर है, जिन्‍होंने लगभग डेढ़ सहस्राब्दि से अधिक समय से भारतीय जनता के सामाजिक-धार्मिक जीवन पर प्रभाव डाला है। लेखक ने स्‍वीकृत भारतीय कैलेंडर को संकल्पित करने का प्रयास किया है, साथ ही देश में अपनाई जाने वाली विभिन्‍न प्रथाओं को मानकीकृत करने का प्रयास किया गया है। यह पुस्‍तक विभिन्‍न भारतीय क्षेत्रीय कैलेंडरों की अंतर्निहित विशेषताओं को समझने में उपयोगी सिद्ध होगी। लेखक काम. एस के चैटर्जी (सेवानिवृत्त) लंबे समय से कैलेंडर और पंचांग आधारित ज्‍योतिष का अध्‍ययन करते रहे हैं। वे भारतीय राष्‍ट्रीय विज्ञान अकादमी, नई दिल्‍ली के साथ संबद्ध रहे हैं, जो पिछले पच्‍चीस सालों से इस क्षेत्र में अनुसंधान कर रही है। उन्‍होंने इस विषय पर लगभग पच्‍चीस शोध पत्र प्रकाशित किए हैं।

  • द गीत गोविंद ऑफ श्री जयदेव

    • लेखक:ए. के. त्रिपाठी और पी. सी. त्रिपाठी
    • विषय:कला, संस्‍कृति और इतिहास
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:450

    श्री जयदेव के गीत गोविंद की व्‍यापक रूप से प्रचलित संगीतमय रचना 12वीं शताब्‍दी ए डी में लिखी गई थी जो एक संत कवि माने जाते हैं। इनका भारत के विभिन्‍न भागों में रचनात्‍मक और निष्‍पादन कलाओं की कई पीढियों पर गहरा प्रभाव है। यह संभवतया मध्‍यकालीन युग की सर्वाधिक संगीतमय संस्‍कृत रचना है। इस पुस्‍तक को ओडिशा के दो जाने माने अनुसंधानकारों श्री ए के त्रिपाठी और श्री पी सी त्रिपाठी ने लिखा है। श्री ए के त्रिपाठी एक वरिष्‍ठ नौकरशाह, स्‍तंभकार और उडिया भाषा में अनेक पुस्‍तकों के लेखक हैं। इस पुस्‍तक में वर्तमान समय के ओडिशा के संदर्भ में गीत गोविंद की जीवित परम्‍परा पर प्रकाश डाला गया है और इसमें संत कवि के समय और जीवन के संदर्भ में ऐतिहासिक एवं सांस्‍कृतिक परम्‍परा को दर्शाया गया है जो पुरी के मंदिरों वाले शहर में तथा इसके आस पास उनके जन्‍म स्‍थान के विवरण हैं।

  • द गोसपेल ऑफ बुद्धा

    • लेखक:पॉल करूस
    • विषय:कला, संस्‍कृति और इतिहास
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:135

    इसका प्रकाशन सर्व प्रथम 1894 में किया गया और तब से इसे कई बार पुन: मुद्रित किया गया। पॉल करूस द्वारा लिखित गोसपेल ऑफ बुद्धा को आज क्‍लासिक साहित्‍य का दर्जा प्राप्‍त है। यह पुस्‍तक न तो ऐतिहासिक समस्‍याओं का समाधान देने के लिए बनाई गई है न ही यह बौद्ध धर्म की लेखनियों को लोग प्रिय बनाने का प्रयास है। इसमें प्राचीन काल के एक धार्मिक लेता का चित्रण है जो आज के युग में इसे दर्शाता है तथा भविष्‍य के निर्माण का एक कारक बन जाता है। इसकी अधिकांश विषय वस्‍तु पुरानी बौद्ध कथा से उत्‍पन्‍न हुई है; अनेक मार्ग और बेशक सबसे महत्‍वपूर्ण मार्ग मूल पाठों के अनुवाद से लिया गया है, इनमें से कुछ मुक्‍त रूप से उपलब्‍ध हैं, अन्‍य को पुन: व्‍यवस्थित किया गया है और कुछ का संक्षिप्‍तीकरण किया गया है। डॉ. पॉल करूस अपने सहज और संवेदनशील गद्य के जरिए इसे लिखते हैं जैसा कि ओलगा कोपेट्सकी ने अपनी कोमल तस्‍वीरों में महात्‍मा बुद्ध की आभामय भावना का चित्रांकन किया है और इसमें बुद्ध के व्‍यक्तित्‍व का काव्‍यात्‍मक चित्रण है।

  • कॉमन बर्डस ऑफ इंडिया

    • लेखक:असद आर. रहमानी
    • विषय:नए आगमन
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:180

    भारत दुनिया भर की पक्षी प्रजातियों में 13 प्रतिशत से अधिक का घर माना जाता है और इस प्रकार यह भारत की प्राकृतिक संपदा का अविभाज्‍य भाग बन जाती है। इस पुस्‍तक में 100 से अधिक सामान्‍य और व्‍यापक रूप से मिलने वाली पक्षी प्रजातियों का विवरण दिया गया है, जिन्‍हें हम पहचानते हैं। प्रत्‍येक प्रजाति, इसके वितरण, आदतों और अधिवासों का विवरण इस पुस्‍तक में सरल और आसान भाषा में दिया गया है ताकि इन्‍हें सहजता से पहचाना जा सके। अधिकांशत: लेखक के व्‍यक्तिगत विवरण और बॉम्‍बे नेचुरल हिस्‍ट्री सोसाइटी, मुम्‍बई के निदेशक, जाने माने पक्षी वैज्ञानिक डॉ. असद आर रहमानी के अनुभव पर आधारित यह पुस्‍तक हमारे आस पास मिलने वाली सभी चिडियों के बारे में जानने के इच्‍छुक पाठकों को मूल्‍यवान सूचना प्रदान कर सकती है।

  • कल्‍चर एंड फोकलोर ऑफ मिजोरम

    • लेखक:बी. लालथांगलिआना
    • विषय:नए आगमन
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:250

    यह पुस्‍तक मिजो लोगों को मुख्‍य भूमि के साथ जोड़ने के प्रयोजन से लिखी गई है। यह मिजो जीवन और संस्‍कृति को इस प्रकार प्रदर्शित करती है कि मिजोरम में दोबारा लोगों की रुचि उत्‍पन्‍न हो सके। समृद्ध चित्रात्‍मक और दृश्‍य युक्‍त पुस्‍तक मिजो व्‍यक्तियों की सभी प्रकार की व्‍यवस्‍थाओं, उनके ऐतिहासिक उद्भव, रीति-रिवाज़ों, मान्‍यताओं, व्‍यवसायों, हस्‍त शिल्‍प तथा वर्तमान स्थिति का चित्रण करती है। इस पुस्‍तक के लेखक बी. बी. लालथांगलिआना एक जाने माने इतिहासकार हैं और एक व्‍याख्‍या तथा संस्‍कृति का चित्रण एक सरल सहज तथा पारम्‍परिक शैली में किया है। इस पुस्‍तक के माध्‍यम निश्चित रूप से दुनिया को मिजो लोगों मिजोरम के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी।

  • दिल्‍ली हिस्‍ट्री एंड प्‍लेसिज़ ऑफ इंटरेस्ट

    • लेखक:दिल्‍ली राज्‍य सरकार/संस्‍कृति
    • विषय:नए आगमन
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:175

    दिल्‍ली भारत का सबसे पुराना और ऐतिहासिक शहर है। यह प्राचीन समय से भारत की राजधानी रहा है। दिल्‍ली गतिशील शहर है। पुराने किले की खुदाई से संकेत मिले हैं कि दिल्‍ली का इतिहास प्रथम सहस्राब्दि बी सी तक जाता है। इस पुस्‍तक में पुराने और नए शहर की प्रामाणिक तथा रोचक कहानी प्रस्‍तुत की गई है। दिल्‍ली के परिदृश्‍य में हाल ही में जोड़ी गई चीजों की रंगीन तस्‍वीरें भी इसमें हैं - फ्लाइ ओवर, मेट्रो, नई दिल्‍ली सचिवालय भवन और भी बहुत कुछ। अंत में, राजधानी का विशाल अक्षर धाम मंदिर भारतीय संस्‍कृति का प्रतीक भी इसमें जोड़ा गया है। इस पुस्‍तक में दी गई रंगीन तस्‍वीरें आम पाठकों और विद्वानों, दोनों के लिए मनोरंजक हैं।

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