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  • कल्‍पना चावला

    • लेखक:सुबोध महन्‍ती
    • विषय:जीवनी
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2007
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:80

    इस पुस्‍तक में डॉक्‍टर कल्‍पना चावला के जीवन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के प्रति उनके समर्पण का चित्रण किया गया है। वे अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं। अपने असाधारण कदमों से वे साहस और दृढ़ता का प्रतीक बन गई। यह पुस्‍तक एक साहसी महिला की शौर्यपूर्ण यात्रा को प्रस्‍तुत करने का प्रयास है, इसमें यह भी बताया गया है कि लोग इनके बारे में क्‍या सोचते हैं और देश के युवाओं के लिए वे आदर्श कैसे बन गईं। इस पुस्‍तक के लेखक डॉ. सुबोध महन्‍ती एक जाने माने विज्ञान लेखक हैं। उन्‍हें विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए एफआईई फाउंडेशन का राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार 2000 दिया गया था।

  • भारतीय नौसेना के परिप्रेक्ष्य में

    • लेखक:डॉ. बलदेव सहाय
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2007
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:300

    यह पुस्तक भारतीय समुद्री परंपरा, इसकी सीमा, समृद्धि तथा पुरातन स्थापित प्रणाली पर गहन शोध प्रस्तुत कर रही है। इसमें बताया गया है कि कैसे भारतीय नौसेना ब्रिटिश साम्राज्य में क्रियाशील रही। बाद में बांबे मरीन तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात 1950 में भारतीय गणराज्य बनने के बाद आधुनिक भारतीय नौसेना के रूप में परिवर्तित हुई।

    डॉ. सहाय के मुताबिक यह पुस्तक केवल भारतीय नौसेना का इतिहास ही नहीं बता रही है बल्कि उसकी स्थापना पर भी विस्तृत रूप से प्रकाश डाला गया है। भारतीय नौसेना का इतिहास काफी पुराना है। ऐसा कहा जाता है कि इसकी स्थापना 1830 ईसवी में हुई थी, जबकि ऐसे साक्ष्य मौजूद हैं, जिनसे पता चलता है कि ईसा पूर्व छठी शताब्दी में गुजरात के राजकुमार तथा संघ राजवंश के राजा ने श्रीलंका तक की सागर यात्रा कर उसे युद्ध में परास्त किया था।

    पुस्तक में भारतीय नौसेना के कई पहलुओं पर सरल तथा स्पष्ट तरीके से चर्चा की गई है। भारतीय नौसेना में रुचि रखने वालों के लिए यह पुस्तक निश्चित ही उपयोगी तथा ज्ञानवर्धक साबित होगी। इसमें कई जानकारियों को चित्रों, नक्शों, रेखाचित्रों तथा रंगीन छायाचित्रों के माध्यम से समझाया गया है।

  • सत्याग्रह

    • लेखक:सविता सिंह
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2007
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:560

    राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसक आंदोलन यानी सत्याग्रह पर इस पुस्तक में गहन प्रकाश डाला गया है। इसमें इस आंदोलन से जुड़े हर पहलु तथा विचार पर चर्चा की गई है। साथ ही यह भी बताया गया है कि महात्मा गांधी के क्या उद्देश्य थे एवं वो देश की स्वतंत्रता के लिए क्या विचार रखते थे। उनके इस आंदोलन को देशव्यापी समर्थन हासिल था। यही वजह है कि आंदोलन के दौरान ही उनके अनुयायी भी तेजी से बढ़ रहे थे।

  • राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद के भाषण अंक-II

    • लेखक:प्रकाशन विभाग
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2007
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:300

    हमारे देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की छवि एक राजनेता, विद्वान, शिक्षाविद तथा इन सबसे ऊपर एक महान रचनात्मक विचारक की है। इस पुस्तक में डॉ. प्रसाद के विचारों तथा भाषणों को विषयवार तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

  • राजस्थान की हवा में घुले किस्से

    • लेखक:विमला मेहता
    • विषय:आत्मकथा
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2007
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:60

    यह पुस्तक हिंदी की प्रख्यात पुस्तक 'असली जीमाकरे' का अंग्रेजी अनुवाद है। इसमें राजस्थान की संस्कृति की सभी रंग समाए हुए हैं। इस पुस्तक से राजस्थानी लोगों के रहन-सहन तथा उनके आथित्य सत्कार करने के तरीके के बारे में भी पाठकों को जानकारी मिलेगी।

  • भारत एवं विदेशों की लोककथाएं

    • लेखक:देवीचरण राठौर
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2007
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:50

    लोककथाएं मानव संस्कृति का अभिन्न अंग रही हैं। इस पुस्तक में भारतीय तथा विदेशी लोककथाओं को अत्यंत सरल तरीके से बताया गया है। कहानियों के माध्यम से बताया गया है कि किस प्रकार कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण बना सकता है।

    लेखक श्रीदेवीचरण राठौर ने सभी कहानियों को बड़ी ही खूबसूरती के साथ वर्णित किया है।

  • लोक कला और सामाजिक संचार

    • लेखक:दुर्गा दास मुखोपाध्याय
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2007
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:125

    भारत जैसे परंपरागत समाज में कला लोगों के सामान्य जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। कुछ बेहतरीन चीजों को व्यक्त करने, संवाद करने और साझा करने के लिए प्रदर्शन कलाओं का जन्म हुआ। समाज में अपनी कार्यात्मक प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए लोक प्रदर्शन कला बदलती परिस्थिति के अनुरूप खुद को ढालती चली आ रही है। इन सभी चीजों को लेखक दुर्गा प्रसाद मुखोपाध्याय ने अपनी किताब के जरिये प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। श्री मुखोपाध्याय दिल्ली विश्वविद्यालय में संकाय सदस्य तथा प्रदर्शन कला, आदिवासी संस्कृति और संचार के जाने माने विद्वान हैं।

  • भारत 2007

    • लेखक:संदर्भ एवं प्रशिक्षण प्रभाग द्वारा संकलित तथा संपादित
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2007
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:250

    इंडिया यानी भारत न सिर्फ विविधताओं वाला देश है बल्कि कई खासियतों वाला एक उपमहाद्वीप भी है। भारत 2007 किताब के जरिए आपको देश का वार्षिक प्रतिवेदन तो मिलेगा ही साथ यह भी जानकारी मिलेगी कि आर्थिक, ग्रामीण और शहरी विकास, उद्योग और अधोसंरचना, कला व संस्कृति, स्वास्थ्य, रक्षा, शिक्षा, जनसंचार इत्यादि में कैसा और कितना विकास हुआ है और भावी योजनाएं क्या हैं। इसमें आपको विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र की नई जानकारियों से भी अवगत कराया गया है।

    किताब में सामान्य ज्ञान, समसामयिक, खेल, वर्ष के प्रमुख आयोजन और बीते वर्ष की प्रमुख घटनाओं पर भी प्रकाश डाला गया है। इस किताब में सटीक जानकारियों और आंकड़ों का संकलन किया गया है, जो छात्रों और शोधार्थियों के लिए निश्चित ही उपयोगी साबित होगी।

  • भारतीय काशीदाकारी

    • लेखक:जमीला बृजभूषण
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2007
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:75

    हमारे देश में कपड़ों पर सूई एवं धागे की मदद से की जाने वाली कढ़ाई या काशीदाकारी का इतिहास काफी पुराना है। भारतीय काशीदाकारी में संस्कृति की झलक भी परिलक्षित होती है। हर क्षेत्र में इसका अपना अलग तरीका, तकनीक तथा ढांचा विकसित किया है।

    इस पुस्तक में देशभर की काशीदाकारी पर प्रकाश डाला गया है।

  • आम लोगों की सेवा में संयुक्त राष्ट्र (पुनर्मुद्रित)

    • लेखक:मनोज पांडेय, ओंकार केडिया
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2007
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:75

    संयुक्त राष्ट्र संघ अपनी स्थापना की 60वीं वर्षागांठ मना रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने अपनी स्थापना से लेकर अब तक विश्व स्तर पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मदद, गरीबी से मुकाबला, प्राकृतिक आपदाओं तथा पर्यावरण एवं विश्व शांति के लिए कई कार्य किए हैं तथा लगातार कर रहा है। साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं तथा जनसंख्या नियंत्रण पर भी दुनियाभर में संयुक्त राष्ट्र के कार्यक्रम जारी हैं। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य आम आदमी की मदद करना तथा उसका विकास करना है।

    इस पुस्तक में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा किए गए प्रमुख कार्यों पर प्रकाश डाला गया है, कि कैसे यह संगठन दुनियाभर के लोगों के लिए सराहनीय कार्यों में जुटा हुआ है। समस्त जानकारियों को आलेखों तथा छायाचित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है।

    यह पुस्तक संयुक्त राष्ट्र के बारे में अध्ययनरत छात्रों के लिए काफी लाभप्रद साबित होगी।

  • राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के चयनित भाषण भाग-I

    • लेखक:प्रकाशन प्रभाग
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2007
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:600

    डॉ. कलाम, भारत के सबसे ख्यातिनाम वैज्ञानिकों में से एक हैं तथा भारत रत्न (1997) से सम्मानित हो चुके हैं। 25 जुलाई 2002 को वो देश के 11वें राष्ट्रपति बने। मौजूदा पुस्तक में डॉ. कलाम द्वारा जुलाई 2002 से फरवरी 2004 के बीच दिए गए भाषणों को संकलित करके प्रस्तुत किया गया है। इसमें शामिल भाषणों और विचारों से विकसित भारत देश 2020 की उनकी दृष्टि परिलक्षित होती है। उनके वक्तव्यों से पता चलता है कि वो भारत को किस प्रकार के देश के रूप में देखते हैं।

    कविताओं के रूप में सृजित उनके विचारों को भी इस पुस्तक में शामिल किया गया है।

  • लाल बहादुर शास्त्री के चुनिंदा भाषण

    • लेखक:प्रकाशन प्रभाग
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2007
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:275

    इस संस्करण में स्वर्गीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के 137 चुनिंदा भाषणों को शामिल किया गया है, जो उन्होंने पद पर रहते हुए दिए थे। इन भाषणों में उनकी अंतरराष्ट्रीय दूरदर्शिता परिलक्षित होती है। इसी वजह से स्वर्गीय राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन ने शास्त्री की याद में कहा था: "वह एक महान पुरुष थे, जो पूरी तरह से भारतीय परिवार तथा शिक्षा प्राप्त थे। भाग्य ने उन्हें कुछ इस तरह से ढाला कि वो आधुनिक भारत के निर्माताओं मे शामिल हो गए।"

  • तवी कथाएं- डोगरी दंत कथाओं का संग्रह

    • लेखक:सुमन के. शर्मा
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2007
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:60

    यह पुस्तक कुछ प्रचलित डोगरी दंत कथाओं का संग्रह है। डोगरा समुदाय उत्तर भारत विशेषकर जम्मू तथा हिमाचल प्रदेश के निवासी हैं। सुमन के. शर्मा ने इन कथाओं का मूल भाव स्थायी रखते हुए अंग्रेजी संस्करण सफलतापूर्वक तैयार किया है। इन कहानियों को रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए चित्रों का भी उपयोग किया गया है, जो निश्चय ही बच्चों को पसंद आएगी।

  • ग्रेट मास्‍टर्स ऑफ इंडियन सिनेमा - द दादा साहिब फालके अवॉर्ड विनर्स

    • लेखक:डी. पी. मिश्रा
    • विषय:नए आगमन
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:195

    एक व्‍यक्ति जिसने अपने समकालीन फिल्‍मकारों की तुलना में फिल्‍म बनाने की कला और तकनीक को बेहतर रूप से समझा, वह थे दादा साहिब फालके। उनकी महान फिल्‍म 'राजा हरिश्‍चंद्र' भारत की प्रथम फीचर फिल्‍म मानी जाती है। भारतीय सिनेमा के इस दिग्‍गज की याद में 1969 में दादा साहिब फालके पुरस्‍कार स्‍थापित किया गया। यह पुरस्‍कार उन फिल्‍मी हस्तियों को दिया जाता है जिन्‍होंने अलग अलग तरीकों से भारतीय सिनेमा में असाधारण योगदान दिया है। देविका रानी के 1969 में किए गए अभिनय से लेकर 2004 में अदूर गोपाल कृष्‍णन तक पुरस्‍कार पाने वाले व्‍यक्तियों में अभिनेता, अभिनेत्रियां, निर्देशक, निर्माता, गायक और संगीत निर्देशक शामिल है, जो रचनात्‍मकता और वास्‍तविकता का एक विशाल केनवस है जो भारतीय फिल्‍म उद्योग का निर्माण करता है। लेखक ने पुस्‍तक में इन अस्तियों की जीवन गाथा और योगदानों का चित्रण करने का प्रयास किया है। पुरस्‍कार पाने वाले व्‍यक्तियों का एक संक्षिप्‍त विवरण, वे जिन फिल्‍मों से जुड़े रहे हैं और साथ ही चित्रों में इस पुस्‍तक को सूचना प्रद और रोचक बना दिया है।

  • डॉ. जाकिर हुसैन (बीएमई)

    • लेखक:मज्‍दा असद
    • विषय:नए आगमन
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2006
    • बाइंडिंग प्रकार:Hard Binding
    • कीमत:85

    यह पुस्‍तक भारत के राष्‍ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन के जीवन के विभिन्‍न चरणों (1897-1969), उनकी शिक्षा, विदेश यांत्रियों, पारिवारिक पृष्‍ठभूमि और राजनैतिक केरियर के विवरण प्रस्‍तुत करती है। इस पुस्‍तक की लेखक प्रो. मज्‍दा असद ने अनेक पुस्‍तकें लिखी हैं और उन्‍हें अपनी पुस्‍तकों के लिए अनेक पुरस्‍कार मिले हैं।

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