भारत की स्वतंत्रता का संग्राम अपने आप में अनोखा है, जब इसकी तुलना समकालीन इतिहास के अन्य संग्रामों के साथ की जाए इसमें न केवल महान भारतीय सभ्यता को एक समेकित राष्ट्र में रूपांतरित किया बल्कि इतिहास के सर्वाधिक लोकप्रिय अभियानों के लिए एक बैंच मार्क का सृजन भी किया। इसमें विदेशी शासन और अकारण जातीय अभियानों के खिलाफ संघर्ष शामिल है जो विदेशी शासकों तथा भारतीय नागरिकों के प्रति निर्देशित है। उप निवेश काल की विकरालताओं के प्रत्युत्तर के रूप में 19वीं शताब्दी के मध्य में इसका उद्भव हुआ जो महात्मा गांधी, जिन्हें भारत में एक संत का स्थान प्राप्त है, के नेतृत्व में हाल के इतिहास का जन आंदोलन बन गया। महात्मा गांधी का शांति और अहिंसा का असाधारण हथियार लाखों भारतीयों के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश राज के खिलाफ शक्ति का प्रतीक बन गया।
प्रस्तुत चार खण्डों वाला भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास जाने माने इतिहासकार और विद्धान डॉ. तारा चंद्र द्वारा उन परीक्षण अवधियों का एक क्लासिक विश्लेषण है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का यह प्रामाणिक और अंतरदृष्टिपूर्ण विश्लेषण पिछले चार दशकों से छात्रों और सामान्य पाठकों के बीच अत्यंत लोक प्रिय है।