
विद्युत एवं ऊर्जा
विद्युत एवं ऊर्जा आर्थिक विकास एवं भारतीय जीवनशैली में सुधार लाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। देश में उर्जा की खपत दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। अतः सरकार का यह दायित्व है कि वह उर्जा की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त लागत पर उर्जा के पारंपरिक स्रोत विकसित करे। इस खंड में ऊर्जा के पारंपरिक एवं गैर-पारंपरिक स्रोतों के विकास एवं इस क्षेत्र की योजनाओं, नीतियों, आँकड़ों एवं रिपोर्ट से संबंधित जानकारी प्रदान की गई है। उर्जा के गैर-पारंपरिक/ वैकल्पिक / नवीन एवं नवीकरणीय स्रोतों जैसे –सौर उर्जा, पवन उर्जा, एवं जैव ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा की गई विशेष पहलों के बारे में भी जानकारी यहाँ उपलब्ध कराई गई है।
- जहॉं वर्तमान अधोसंरचना में विस्तार की आवश्यकता न हो वहॉं मॉंगपत्र अनुसार राशि जमा करने तथा अनुपूरक अनुबंध किए जाने के उपरांत भार वृद्धि करना
- स्थायी विच्छेदन करने संबंधी आवेदन का निराकरण
- निम्न दाब के व्यक्तिगत नवीन कनेक्शन (औद्योगिक हेतु) के लिए मॉंगपत्र प्रदान करना, जहॉं ऐसा कनेक्शन वर्तमान नेटवर्क से संभव है
- जहॉं वर्तमान अधोसंरचना में विस्तार की आवश्यकता न हो, वहॉं 10 कि.वा. तक के लिए राशि जमा करने के उपरांत अस्थायी कनेक्शन प्रदान करना
- मांग पत्र अनुसार राशि जमा करने के बाद वर्तमान नेटवर्क से निम्न दाब नवीन कनेक्शन प्रदान करना
- जहॉं वर्तमान अधोसंरचना में विस्तार की आवश्यकता न हो, वहॉं 10 कि.वा. तक के लिए राशि जमा करने के उपरांत अस्थायी कनेक्शन का मांग पत्र प्रदान करना