वेठालक कथगिल (तमिल): मूल रूप से हिन्दी से अनुवाद, संकलन विरेश्वर भट्टाचार्य द्वारा।
बेताल कथाएं पीढियों से भारतीय क्लासिक मानी जाती है। जो अनंत काल से चली आ रही हैं। कहानियों का यह संग्रह बच्चों के बीच लोकप्रिय है।
वेठालक कथगिल (तमिल): मूल रूप से हिन्दी से अनुवाद, संकलन विरेश्वर भट्टाचार्य द्वारा।
बेताल कथाएं पीढियों से भारतीय क्लासिक मानी जाती है। जो अनंत काल से चली आ रही हैं। कहानियों का यह संग्रह बच्चों के बीच लोकप्रिय है।
वीरेन्द्र राज मेहरा पूर्व वरिष्ठ लोक सेवक हैं जिन्होंने नई दिल्ली में भारत सरकार के लिए और मनीला में एशियाई विकास बैंक के लिए कार्य किया। वे मदर टेरेसा के समाज तथा मानवीयता कार्य में नजदीकी से जुड़े रहें और उन्होंने गुजरात भूकंप के पीडितों को भी सहायता दी। वे भारत तथा विदेश में कृत्रिम अंगों को मुफ्त लगाने के कार्य के लिए जाने जाते हैं। वे महावीर फिलीपाइन्स फाउंडेशन, मनीला के पूर्व अध्यक्ष हैं जो फिलीपाइन्स में जयपुर के बने पैर लगाने का कार्य करता है और वे युद्ध पीडितों का अफगानिस्तान में नकली पैर लगाने के लिए काबुल भी गए। वर्ष 1993 में मनीला शहर में उन्हें फिलीपीन्स के मानवीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया था। उन्हें सन ऑफ मनीला का खिताब दिया गया और उन्हें मनीला शहर की चाबी प्रस्तुत की गई।
विमला मेहता हिन्दी की प्रतिष्ठित लेखिका है वर्ष 1970 से अब तक उन्होंने 13 पुस्तकें और अनेक लेख लिखे हैं। मनीला में रहने के दौरान वे फिलीपीन्स में मदर टेरेसा द्वारा किए गए कार्यों से नजदीकी से जुड़ी थीं। वे मनीला में महावीर फिलीपाइन्स फाउंडेशन, मनीला की संस्थापक अध्यक्ष थीं जो फिलीपाइन्स में जयपुर के बने पैर लगाने का कार्य करता है और वे युद्ध पीडितों का अफगानिस्तान में नकली पैर लगाने के लिए काबुल भी गए। वर्ष 1993 में मनीला शहर में उन्हें फिलीपीन्स के मानवीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया था। उन्हें डॉटर ऑफ मनीला का खिताब दिया गया और उन्हें मनीला शहर की चाबी प्रस्तुत की गई।
सुनीता विलियम्स भारतीय युवाओं के मन की प्रेरणा जगाती है। वे उपलब्धि का प्रतीक है और आदर्श बन गई हैं। कुल 46 वर्ष की उम्र में अंतरिक्ष यात्री बनने वाली भारत की वे दूसरी महिला हैं। अंतरिक्ष की यात्रा करना एक बहादुरी का और सक्षम लोगों का काम माना जाता है, जो विज्ञान और अन्वेषण की तलाश में अपना जीवन बलिदान करने के लिए तैयार है। सुनीता एक ऐसा ही नाम है जो अंतरिक्ष की खोज में इतिहास में दर्ज हो गया है। भारतीय मूल की होने के कारण उन्हें हममें से एक माना जाता है।
डॉ. सुबोध महंती एक वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रतिष्ठित विज्ञान सम्प्रेषक हैं। उन्होंने काफी साहित्य लिखा है। इस पुस्तक में उन्होंने सुनीता विलियम के बारे में घटनाक्रम की जानकारी दी है। अंतरिक्ष यात्रा करने वाले अन्य अग्रणी व्यक्तियों का जीवन वृत भी इसमें शामिल किया गया है।
एक झण्डा राष्ट्र की अनिवार्यता है हजारों लोग इसके लिए मर मिटते हैं। यह एक प्रकार का विश्वास है कि इसे नष्ट करना पाप होगा। एक झण्डा आदर्श को दर्शाता है ब्रिटेन में यूनियन जैक को फैहराने से उनके बीच जो भावना उभरती है उसकी ताकत को मापना कठिन है। इस झंडे की पट्टियों का अर्थ अमेरिकियों के लिए पूरी दुनिया है। इस पर बने चांद और सितारे इस्लाम के लिए सर्वोत्तम शौर्य दर्शाता है।
हम सभी भारतीयों हिन्दु, मुस्लिम, ईसाई, ज्यू, पार्सी और अन्य सभी के लिए एक सामान्य झण्डा होना चाहिए जिसके लिए हम मर मिटें - एम के गांधी।
मुझे याद है और इस सदन में उपस्थित बहुत लोगों को यह याद होगा कि हम इस झण्डे को न केवल अपनी शान मानते हैं बल्कि यह हमारी शिराओं में दौड़ता है और जब कभी हम कुछ पिछड़ गए तब इस झण्डे ने हमें साहस दिया। तब हममें से बहुत से लोग आज उपस्थित नहीं है, हमारे अनेक कामरेड दिवंगत हो गए हैं जिन्होंने इस झण्डे को थामे रखा, हम में से कुछ मृत्यु तक इसे पकड़े रखेंगे और डूबते हुए हम किसी और को इसकी जिम्मेदारी दे जाएंगे।
जवाहर लाल नेहरू
1857 की क्रांति को आधुनिक भारत के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ माना जा सकता है। अधिकांश ब्रिटिश इतिहासकारों ने इसे सिपाहियों की बगावत कहा था। इसे दुनिया के अनेक हिस्सों में केवल जन विद्रोह के रूप में देखा गया था। सन 1857-58 की घटनाओं के बाद ब्रिटिश लेखनी में यह केवल ब्रिटिश सैन्य इतिहास का एक अध्याय बन गया जबकि भारतीय लेखकों में इसे स्वतंत्रता का संग्राम बताया।
यह पुस्तक 1857 की क्रांति के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर लाई गई है जो भारतीय इतिहास का दौर बदलने वाली घटनाओं का विश्लेषण प्रस्तुत करने का प्रयास है। बृहद संदर्भों के माध्यम से स्वयं लोगों द्वारा दिए गए विवरण और अन्य ऐतिहासिक दस्तावेज विद्रोह की इस गाथा को एक नए परिप्रेक्ष में प्रस्तुत करता है जो 1857 की घटनाओं को ताजा कर देता है, जिससे गुजर कर अंतत: भारत ने 1947 के दौरान ब्रिटिश राज से मुक्ति पाई।
क्या आपने कभी सोचा है कि मनुष्य की पूंछ क्यों नहीं होती या केले के पेड़ में इतने सारे तने क्या होते हैं। क्या आप जानते हैं कि पृथ्वी के चारों ओर हवा तेजी से क्यों बहती है। तो अब इस किताब के पृष्ठों में आप उन सभी आश्चर्यजनक बातों की जानकारी पा सकते हैं। इस कहानी में आपको सुंदर परियों के साथ एक पवित्र देवता के सामने ले जाया जाएगा, आप ग्रहों और जंतुओं से मिलेंगे जो बातें करते हैं। यहां तूफान बारिश और बिजली कड़कने से भी आप मिल सकते हैं और हर सुबह आपकी यादगार हो सकती है।
संतनी गोविंदम बाल साहित्य की एक पुरस्कार विजेता लेखिका है जिनके कई प्रकाशन है। उन्होंने बच्चों के लिए 35 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं जिसमें चित्रों वाली कहानियां छोटी कहानियां, जादू और कविता शामिल है। वे प्रमुख राष्ट्रीय समाचार पत्रों और भारत और विदेशों में बच्चों की अनेक बाल पत्रिकाओं के लिए नियमित रूप से लिखती हैं। उन्हें भारत सरकार की ओर से बच्चों के साहित्य से जुड़ी परियोजनाओं के लिए दो राष्ट्रीय अध्येतावृत्ति मिली हैं। वे मुम्बई में रहती हैं और कार्य करती हैं।
इस संस्करण में शामिल कहानियां काफी सरल तरीके से तथा खूबसूरती के साथ वर्णित हैं। शिवाजी, महाराणा प्रताप, बंदा बहादुर जैसे ऐतिहासिक चरित्रों के जीवन का वर्णन बच्चों को अवश्य ही प्रेरित करेगा। साथ ही इतिहास में उनकी रुचि तथा जानकारी में बढ़ोतरी होगी।
केदार नाथ कोमल को कहानी में पारंगत माना जाता है। उन्होंने अब तक बच्चों के लिए कई कहानियां लिखी हैं।
कहानियों के इस संग्रह में ग्रीस तथा हुमायूं के समयकाल की कहानियों को प्रकाशित किया गया है। इन कहानियों में बहादुरी तथा बलिदान को बड़े ही सरल शब्दों में पिरोया गया है। ये कहानियां बच्चों को निश्चित ही इन महापुरुषों की तरह बनने के लिए प्रेरित करेंगी।
श्री नारायण को बच्चों की कहानियों का जानकार माना जाता है। इस पुस्तक का हिंदी संस्करण काफी प्रसिद्ध है।
इस पुस्तक संग्रह में बच्चों के लिए नौ कहानियां हैं, जो बच्चों के रोजाना की जिंदगी से संबंधित हैं। इसमें कहानियों को रोचक बनाने के लिए एक बच्चे को कथानक बनाया गया है और उसके दिमाग में आने वाले सवालों का हल खोजा गया है। साथ ही यह भी समझाया गया है कि किस प्रकार वो एक अच्छा इंसान बन सकता है।
पुस्तक की लेखिका मृदुला हलन को बच्चों की लघु कहानियां लिखने में महारत हासिल है। उन्होंने बच्चों के लिए कई कहानियां लिखी हैं। उनकी लिखी लघु कहानियां, उपन्यास, आलेख तथा पुस्तक समीक्षाएं कई समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।
हमारे देश की कुल जनसंख्या में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या आठ प्रतिशत है। वरिष्ठ नागरिकों में बढ़ती उम्र के साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं। इस पुस्तक में बढ़ती उम्र और उससे जुड़े हर पहलू पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। बढ़ती की समस्याओं एवं उससे निपटान के तरीकों के बारे में बताया गया है। यह पुस्तक वरिष्ठ नागरिकों के साथ ही साथ युवाओं के लिए भी लाभप्रद साबित होगी।
भारत आर्थिक एवं सामाजिक बदलावों के दौर से गुजर रहा है। यह किताब वर्ष 2006-2007 के बीच प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा दिए गए भाषणों का संकलन है। इसमें भारत द्वारा अंतरराष्ट्रीय एवं घरेलू मोर्चों पर सामना किए जा रहे मुद्दों पर भी प्रकाश डाला गया है।
भगत सिंह की जगह हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास और देशभक्त क्रांतिकारियों में अनूठी है। उनका जन्म क्रांतिकारी देशभक्त परिवार में हुआ था और वो राष्ट्रवादी कम्युनिस्ट विचारधारा को मानते थे। अपने छोटे से जीवनकाल में उन्होंने अंग्रेजी दासता का पुरजोर विरोध किया और वो किसी भी तरह के उत्पीड़न को गलत मानते थे।
आखिर में उन्होंने अपने क्रांतिकारी साथियों के साथ मिलकर फांसी के फंदे को चूमा और आखिरी समय तक इंकलाब को बुलंद किया। उस समय उन्हे अपने साथियों के बीच और स्थानीय स्तर पर काफी ख्याति मिली। यहां तक कि युवाओं के लिए वो हमेशा के लिए आदर्श बन गए।
वराइच की भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन पर काफी गहरी पकड़ है। वो स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े लोगों और शहीदों की विचारधारा का सम्मान करते हैं और कॉमरेडों की नजदीकी एवं भगत सिंह के परिजनों से दोस्ती की वजह से उनकी लिखी यह भगत सिंह की आत्मकथा और भी अमूल्य हो जाती है।
मानव अधिकार, मनुष्यों के लिए है। यह अधिकार पूरी दुनिया के मनुष्यों के लिए हैं, जो समान रूप से सभी पर लागू होते हैं तथा इन्हें नकारा नहीं जा सकता है। यह हमारा कर्तव्य है कि हम भी इसमें सहयोग दें। हम शिक्षा से महरूम हो गए बच्चों को पढ़ाकर उन्हें उनके अधिकार दे सकते हैं, स्वास्थ्य एवं सुविधाएं भी मानव अधिकार के दायरे में ही आते हैं। आप कैसे मदद कर सकते हैं? इसका जवाब इस पुस्तक में मिलेगा।
डॉ. जयश्री गुप्ता एक नामी मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं तथा उन्होंने इस विषय पर कई किताबें भी लिखीं हैं।
इंडिया यानी भारत न सिर्फ विविधताओं वाला देश है बल्कि कई खासियतों वाला एक उपमहाद्वीप भी है। भारत 2008 किताब के जरिए आपको देश का वार्षिक प्रतिवेदन तो मिलेगा ही साथ यह भी जानकारी मिलेगी कि आर्थिक, ग्रामीण और शहरी विकास, उद्योग और अधोसंरचना, कला व संस्कृति, स्वास्थ्य, रक्षा, शिक्षा, जनसंचार इत्यादि में कैसा और कितना विकास हुआ है और भावी योजनाएं क्या हैं। इसमें आपको विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र की नई जानकारियों से भी अवगत कराया गया है।
किताब में सामान्य ज्ञान, समसामयिक, खेल, वर्ष के प्रमुख आयोजन और बीते वर्ष की प्रमुख घटनाओं पर भी प्रकाश डाला गया है। इस किताब में सटीक जानकारियों और आंकड़ों का संकलन किया गया है, जो छात्रों और शोधार्थियों के लिए निश्चित ही उपयोगी साबित होगी।
भारत में लोक नृत्यों की एक सुदीर्घ परम्परा है। लोक नृत्यों की विभिन्न शैलियों की संख्या देश के लगभग 13 अलग अलग सांस्कृतिक क्षेत्रों में जीवित है। इस पुस्तक में मूलभूत चरित्रों या नृत्य प्रदर्शन के किसी विशेष अवसर के अनुसार भारत की नृत्य शैलियों का विस्तृत विवरण दिया गया है।