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  • विग्ननम: प्रकृति कपिरयुदु (तेलुगु)

    • लेखक:आर. के. मूर्ति
    • विषय:विज्ञान और प्रौद्योगिकी
    • भाषा:तेलुगु
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:185

    इस पुस्तक में बताया गया है कि कैसे विज्ञान प्रकृति से प्रेरित है। साथ ही विस्तार से यह भी समझाया गया है कि विज्ञान में किस तरह से प्रकृति के नियमों को आधार बनाकर कई नए आविष्कार किए गए हैं। इन आविष्कारों से मानव जीवन को सुलभ बनाया गया है। लेखक ने मुताबिक प्रकृति जो भी जानती है, विज्ञान उसी के आधार पर नई सीख देता है।

    आर.के. मूर्ति जाने माने लेखक हैं। उन्होंने कई पुस्तकें लिखी हैं एवं प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में भी स्तंभ लिखते रहते हैं।

  • मौलाना जलालुद्दीन रुमी

    • लेखक:त्रिनाथ मिश्रा
    • विषय:नई किताब
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:134

    निःस्वार्थ प्रेम और भक्ति के माध्यम से दिव्य रूप से एकीकरण सूफी मत का मूल सिद्धांत है। हालांकि सूफी का आरंभ मध्य एशिया में हुआ, फिर भी इसकी अवधारणाएं और सिद्धांत काफी हद तक भारतीय दार्शनिक परंपरा वेदांत और भक्ति के मिलती जुलती हैं। भारत में लोग सूफी मत को प्यार और आदर के साथ मानते हैं।

    मौलाना जलालुद्दीन रूमी का नाम सूफी रहस्यवाद और फारसी कविता के क्षेत्र में अग्रणी नामों में से एक है। यह पुस्तक उनके जीवन, काल, रहस्यवादी अनुभवों और साहित्यिक कृतियों के बारे में जीवंत और दिलचस्प जानकारी प्रस्तुत करती है। इसमें सूफी सिद्धांतों और व्यवहारों की भी संक्षिप्त चर्चा की गई है।

    लेखक डॉ. त्रिनाथ मिश्रा पूर्व आईपीएस अधिकारी के साथ हिंदी, संस्कृत और फारसी के विद्वान हैं।

  • राजकुमार कवि प्रेमी निर्माणकर्ता मुहम्मद कुली कुतुब शाह हैदराबाद के संस्थापक

    • लेखक:नरेंद्र लुथर
    • विषय:कला, संस्कृति और इतिहास
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:133

    मुहम्मद कुली कुतुब शाह 1565 से 1611 तक जीवित रहे और उन्होंने डेक्कन में गोलकुंडा पर 31 वर्षों तक शासन किया। उन्होंने हैदराबाद को राजधानी शहर के रूप में स्थापित किया और इसके स्थापत्य और चारमीनार का निर्माण कराया। कुली कुतुब शाह बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। वे राजकुमार, प्रेमी, कवि और निर्माणकर्ता थे क्योंकि इन्हीं दुर्लभ गुणों के कारण उनकी चर्चा आज भी होती है।

  • राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के चयनित भाषण भाग - दो

    • लेखक:प्रकाशन विभाग
    • विषय:भूमि और लोग
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:643

    वर्तमान भाग भारत के 11वें राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के भाषणों को संकलन है। इसमें जनवरी 2004 से दिसंबर 2005 तक के भाषणों को शामिल किया गया है। भाषणों में शिक्षा पर जोर दिया गया है। राष्ट्र के विकास और समृद्धि के लिए शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण तत्व है और उनके अनुसार, नागरिकों के बीच उच्च नैतिक मूल्यों और उनके लिए उत्पादक रोजगार के अवसर पैदा करने पर केंद्रित शिक्षा के माध्यम से इसे हासिल किया जा सकता है।

  • प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के चयनित भाषण भाग – पांच 2008-09

    • लेखक:प्रकाशन विभाग
    • विषय:भूमि और लोग
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:365

    भारत की आर्थिक वृद्धि विकास और निरंतर समावेशी सुधारों को गति प्रदान कर रही है इसलिए समाज के निचले तबके के जो लोग हैं उन तक भी इसका लाभ पहुंच रहा है। वर्ष 2008-09 के दौरान डॉ मनमोहन सिंह के भाषण में उनकी प्राथमिकताएं और नुस्खे पता चलते हैं।

  • विष्णुपुर टेराकोटा मंदिर - डारक्रूम थेके आलो (बंगाली)

    • लेखक:रित्विक मलिक
    • विषय:कला, संस्कृति और इतिहास
    • भाषा:बंगाली
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:216

    प्राचीन काल से लोगों ने मिट्टी का उपयोग कर अपनी कलात्मकता को व्यक्त किया है। इन्हीं कुछेक स्थानों में से एक है विष्णुपुर, पश्चिम बंगाल का एक छोटा सा शहर, जहां इस कला ने अपनी बुलंदियों को छुआ और टेराकोटा कला आज भी यहां के भव्य मंदिरों में देखी जा सकती है। यह पुस्तक मंदिरों के इस शहर के अतीत का गौरव, वास्तुकला की शैलीगत विविधता और टेराकोटा के अलंकरण की झलक प्रस्तुत करती है। लेखक रित्विक मलिक प्रेसीडेंसी कॉलेज और कोलकाता विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं और पेशे से शिक्षक हैं। मलिक ने अपने लेखन और फोटोग्राफी के जरिए इस शहर की समृद्ध संस्कृति को जीवंत कर दिया है।

  • मास मीडिया इन इंडिया 2009 (भारत में जन संचार 2009)

    • लेखक:प्रकाशन प्रभाग
    • विषय:संदर्भ कार्य
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:400

    वार्षिकांक का 22वां संस्करण जनसंचार पर मीडियाकर्मियों, नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, शिक्षकों और पत्रकारिता के छात्रों के लिए बहुमूल्य जानकारी का उपयोगी स्रोत है। यह संस्करण मीडिया और कानून पर केंद्रित है।

    अनुसंधान, संदर्भ और प्रशिक्षण विभाग द्वारा संकलित और संपादित इस संदर्भ पुस्तक में राज्य और केंद्र स्तर पर पेशेवर संगठनों व विभिन्न माध्यमों की अद्यतन जानकारी दी गई है। इसमें प्रख्यात मीडियाकर्मियों द्वारा गहराई से विश्लेषण करने वाले लेख और व्यापक ग्रंथसूची को शामिल किया गया है जो इसे जानकारीपूर्ण और पाठकों के अनुकूल बनाते हैं।

  • बाल रामायण

    • लेखक:मथुरम भूतलिंगम
    • विषय:बाल साहित्य
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:77

    भारतीय हिंदू पौराणिक कथाओं में राम को सर्वश्रेष्ठ मानव तथा मर्यादा पुरुषोत्तम बताया गया है। रावण पर उनकी विजय को बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में याद किया जाता है, जिसका आज भी उतना ही महत्व है। लेखक मथुरम भूतलिंगम ने आज के बच्चों के लिए तथा उन्हें आसानी से समझ में आ जाए, इसलिए वाल्मिकी द्वारा रचे इस महाकाव्य को दोबारा से वर्णित किया है।

  • खुदा की नज़र में सब बराबर हैं (उर्दू)

    • लेखक:प्रकाशन प्रभाग
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:उर्दू
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:120

    महात्मा गांधी जी ने कहा था कि ईश्वर की नज़र में सब बराबर हैं। इस कथन के पीछे उनका उद्देश्य समाज से जात-पात तथा छुआछूत के भेदभाव को मिटाना था। उनका मानना था कि छुआछूत समाज के लिए जहर साबित हो सकता है। इसलिए जितना जल्दी हो सके, इससे निजाद पाना जरूरी है। गांधीजी का मानना था कि पूर्ण स्वराज की राह में छुआछूत एक बाधा है। उन्होंने भारतीय समाज से इस नासूर को मिटाने के लिए हरसंभव प्रयत्न किए। इस किताब में छुआछूत को लेकर गांधीजी के विचारों, इसके आर्थिक सामाजिक पहलुओं तथा इसे हटाने के लिए किए जा रहे प्रयत्ननों को सहज भाव से शब्दों में गढ़ा गया है।

  • अबुल कलाम आज़ाद (बीएमआई)

    • लेखक:अर्श़ मलसियानी
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:120

    यह पुस्तक मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के जीवन इतिहास पर लिखी गई है। अभी तक उनके बारे में जो कुछ भी लिखा गया है, वो बिखरा सा प्रतीत होता है। यह पुस्तक इसी इतिहास को संयोजित तरीके से बताने का प्रयास है। मौलाना साहब को अपरंपरागत तथा अपने रास्ते स्वयं गढ़ने वाले के रूप में जाना जाता है।

    मौलाना वो महान शख्सियत थे, जो पुराने क्लासिक्स के साथ ही साथ आधुनिक वैज्ञानिक सोच पर भी पकड़ रखते थे। उनमें सीखने की ललक थी। यह पुस्तक 'इमाम-उल-हिंद' संपूर्ण मानवता के लिए जरूरी है।

  • राजेंद्र प्रसाद (बीएमआई)

    • लेखक:कलि किनकर दत्ता
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:165

    राजेंद प्रसाद, एक विद्वान, मानवतावादी, धार्मिक, निडर देशभक्त, राष्ट्रीय नायक तथा महात्मा गांधी के समर्पित अनुयायी थे। वो अपने समय के शीर्ष हस्तियों में से थे। उन्होंने देश की भावी पीढियों के लिए प्रेरणा की विरासत दी है।

    पुस्तक के इस संस्करण में उनकी जीवन यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है तथा देश के इतिहास में उनके योगदान को बताया गया है।

  • अकबर (उर्दू)

    • लेखक:राय आनंद कृष्णा
    • विषय:नई किताब
    • भाषा:उर्दू
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:80

    (हिंदी से उर्दू अनुवाद)

    मध्य भारत के इतिहास में सम्राट अकबर का नाम चमकते सितारे की तरह है। वे एक महान योद्धा, कुशल प्रशासक और सफल राजनीतिज्ञ के साथ सामाजिक और धार्मिक सुधारक थे। यह उनके प्रयासों का फल था कि देश एक इकाई के रूप में संगठित भारत बना। लगभग 450 साल पहले अकबर ने हिंदू और मुस्लिमों की एकता के लिए प्रयास किए और धार्मिक सहिष्णुता का उदाहरण प्रस्तुत किया। धार्मिक भेदभाव समाप्त करने का उनका प्रयास इस सदी का महान कार्य था। इस पुस्तक का उद्देश्य अकबर की इस तरह की विशेषताएं बताना है।

  • वार्ता नाम्नु नगर (गुजराती)

    • लेखक:गिरीश गनात्रा
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:45

    वर्षों पुरानी यह दंतकथाएं आज के आधुनिक युग में भी प्रासंगिक बनी हुई हैं। चित्रों के माध्यम से कहानी का वर्णन, बच्चों को आकर्षित करता है तथा उनकी कल्पनाओं को उस स्तर तक पहुंचाता है कि वे इसे पढ़ने के लिए आतुर हो जाएं। ऐसी कहानियों से बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास होता है।

    लेखक ख्यात बाल-कहानी वक्ता हैं।

  • ढोंडो केशव कर्वे (बीएमआई)

    • लेखक:जी.एल. चंदावरकर
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:145

    ढोंडो केशव कर्वे भारत के प्रख्यात समाज सुधारक, महिला सशक्तिकरण एवं मुक्ति के लिए कार्य करने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने अपना जीवन विधवा स्त्रियों के जीवन उत्थान व शिक्षा के लिए समर्पित कर दिया।

    सामाजिक सुधार में जीवन समर्पित करने की वजह से उन्हें वर्ष 1958 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया।

    जी.एल. चंदावरकर ने इस पुस्तक के माध्यम से मानवता के इस सच्चे सेवक के जीवन का हर कोण से चित्रण किया है। आधुनिक भारत के निर्माता (बीएमआई) श्रृंखला के अंतर्गत ऐसे व्यक्तियों की जीवनियां प्रकाशित की जा रही हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय पुनर्जागरण एवं स्वतंत्रता संघर्ष में सहायता की थी।

  • सुभाष चंद्र बोस (बीएमआई)

    • लेखक:गिरिजा लालकृष्ण मुखर्जी
    • विषय:नई पुस्तक
    • भाषा:अंग्रेजी
    • दिनांक:2010
    • बाइंडिंग प्रकार:Paper Binding
    • कीमत:100

    सुभाष चंद्र बोस, विदेशी शासन के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष के लिए याद किए जाते हैं। उन्हें कठोर, अनुशासित और अच्छे योजनाकार के रूप में जाना जाता है। बहुत कम लोग ही जानते होंगे कि बचपन में सुभाष काफी शर्मीले और भीरू प्रकृति के थे। स्कूल और कॉलेज के दिनों के अनुभवों ने राष्ट्र के प्रति उनकी सोच और व्यक्तित्व में काफी गहरा बदलाव ला दिया।

    इस किताब के माध्यम से नेताजी की सोच, गतिविधियों तथा राजनीतिक समझ एवं विचार पर उनके दृष्टिकोण को बताने का प्रयास किया गया है। साथ ही उनके व्यक्तित्व का आंकलन भी किया गया है।

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