Members of Parliament

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राज्‍य सभा

राज्‍य सभा में अधिकाधिक 250 सदस्‍य होंगे – 238 सदस्‍य राज्‍यों तथा संघ राज्‍य क्षेत्रों के प्रतिनिधि होंगे तथा 12 सदस्‍यों को राष्‍ट्रपति द्वारा नामांकित किया जाएगा। राज्‍य सभा एक स्‍थायी निकाय है तथा इसे भंग नहीं किया जा सकता। तथापि, इसके एक तिहाई सदस्‍य प्रत्‍येक दूसरे वर्ष सेवानिवृत्‍त होते हैं तथा उन्‍हें नए निर्वाचित सदस्‍यों द्वारा प्रतिस्‍थापित किया जाता है। प्रत्‍येक सदस्‍य को छ: वर्ष की अवधि के लिए निर्वाचित किया जाता है। भारत का उपराष्‍ट्रपति राज्‍य सभा का पदेन सभापति है। यह सदन अपने सदस्‍यों में से एक उप सभापति का चुनाव भी करता है। इसके अतिरिक्‍त, राज्‍य सभा में उप-सभापतियों का एक पैनल होता है। वरिष्‍ठतम मंत्री, जो राज्‍य सभा का सदस्‍य होता है, को प्रधानमंत्री द्वारा सदन के नेता के रूप में नियुक्‍त किया जाता है।

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लोकसभा

लोकसभा का संघटन सार्वभौम वयस्‍क मताधिक के आधार पर प्रत्‍यक्ष चुनाव द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों से किया जाता है। संविधान में व्‍यवस्‍था है कि सदन की अधिकतम सदस्‍य संख्‍या 550 होगी – 530 सदस्‍य राज्‍यों का प्रतिनिधित्‍व करेंगे, 20 सदस्‍य संघशासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्‍व करेंगे । वर्तमान में सदन की सदस्‍य संख्‍या 543 है। लोकसभा का कार्य काल, यदि इसे भंग न किया जाए, इसकी प्रथम बैठक के लिए नियुक्‍त तिथि से पांच वर्ष है। तथापि, जब आपात उद्घोषणा प्रचालनरत हो, तो इस अवधि को संसद द्वारा कानून पारित करके एक समय में अधिकाधिक एक वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है तथा उद्घोषणा के अप्रचालनरत होने के पश्‍चात किसी भी मामले में यह अवधि छ: माह से अधिक नहीं होगी।

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