
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग रहा है। प्राचीन समय में इसे भौतिक विज्ञान के नाम से जाना जाता था एवं उच्च शैक्षिक संस्थानों में छात्र इसे अत्यंत उत्साह से पढ़ते थे। भारतीय पुनर्जागरण के समय (बीसवीं सदी के प्रारंभ) में भारतीय वैज्ञानिकों ने उल्लेखनीय प्रगति की थी। 1947 में देश के आजाद होने के पश्चात संस्थाओं की स्थापना की गई ताकि विज्ञान के क्षेत्र में हुई इस सहज एवं रचनात्मक प्रगति को और बढ़ावा मिल सके। इस कार्य में विभिन्न राज्यों ने भी अपना भरपूर सहयोग दिया। इसके बाद से भारत सरकार ने देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की आधुनिक अवसंरचना के निर्माण में कोई कसर नहीं छोड़ी है।विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग देश में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस खंड में वैज्ञानिक शिक्षा, वैज्ञानिक शोध एवं विकास से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की गई है। वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, विद्वानों, छात्रों इत्यादि के लिए नीतियों, योजनाओं, प्रलेखों एवं कार्यक्रमों के विवरण भी यहाँ दिए गए हैं।
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