वार्षिक आयकर विवरणी जमा करना

ITR

भारत में आयकर 24 जुलाई 1860 को सर जेम्स विल्सन द्वारा आरंभ किया गया था। यह ऐसा कर था जो चुनकर अमीरों, शाही परिवारों और ब्रिटिश नागरिकों पर लगाया जाता था और इसलिए इसे शक्तिशाली लोगों द्वारा पसंद नहीं किया जाता था। अपने पहले वर्ष राजकोष में कुल 30 लाख रु. की राजोचित राशि जमा की गई। इसके लिए 1865 में अधिनियम समाप्त किया गया और 1867 में एक नए रूप में दोबारा लाया गया। कर की दरें स्थूल और तैयार आकलन पर आधारित थीं।




आयकर क्या है?
आयकर क्या है?

आधुनिक समय में आयकर व्यक्ति की आय पर लगाया जाने वाला एक वार्षिक कर है। भारतीय आयकर अधिनियम - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं (धारा 4) में बताया गया है कि प्रत्येाक व्यक्ति द्वारा पिछले वर्ष में प्राप्त की गई कुल आय पर संगत आकलन के लिए आयकर प्रभारित किया जाएगा। आयकर अधिनियम - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं की धारा 14 में पुन: बताया गया है कि आयकर के प्रभार का प्रयोजन और सभी आय से कुल आय की गणना आय के निम्नेलिखित शीर्षों के तहत वर्गीकृत की जाएगी : वेतन, गृह संपत्ति से आय, व्यापार या पेशे से लाभ और प्राप्तियां, पूंजी लाभ, अन्य स्रोतों से आय शामिल है ।

उपरोक्त सभी शीर्षों की कुल आय से अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार आय की गणना की जाती है, जो किसी भी आकलन वर्ष के अप्रैल माह की पहली तिथि पर होते । कराधान प्रक्रिया से संबंधित सभी गतिविधियों के लिए आयकर विभाग - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं जिम्मेदार है।

आयकर विभाग - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं का अभिशासन केन्द्रीय प्रत्यंक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं करता है और यह वित्त मंत्रालय - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं, भारत सरकार के अधीन राजस्व विभाग - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं का हिस्सा है।


आयकर का भुगतान किसे करना है?

पद आय का अर्थ बहुत व्यापक है और इसमें इसका अर्थ निहित है। वेतनभोगी व्यक्ति के मामले में उसे नकद, वस्तुम या अन्य ऐसी किसी सुविधा के रूप में जो भी कुछ प्राप्त होता है, उसे व्यक्ति की आय माना जाता है। एक व्यापा‍री के लिए उसका निवल लाभ ही उसकी आय है। आय ब्याज, लाभांश और कमिशन आदि के रूप में अन्य निवेशों से भी आती है। वास्तव में आयकर अधिनियम कराधान के प्रयोजन के लिए कानूनी और गैर कानूनी आय के बीच कोई अंतर नहीं करता। अधिनियम के तहत व्यक्तियों द्वारा अर्जित की गई सभी प्रकार की आय को पांच भिन्न शीर्षकों में वर्गीकृत किया जाता है : वेतन से आय, घरेलू संपत्ति से आय, व्यापार या व्यवसाय से आय, पूंजी लाभ तथा अन्य स्रोतों से आय।

आयकर से संबंधित विज्ञापन - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं

हेल्पलाइन नंबर

आय कर से संबंधित प्रश्नों के लिए पूछें : 1800 180 1961

सुधार और वापसी के लिए सीपीसी : 1800 425 2229

रिटर्न की ई फाइलिंग के लिए ई-फाइलिंग : 1800 4250 0025

आयकर की दरें
आयकर की दरें
  •  व्यक्ति, हिन्द अविभाजित परिवार, एओपी, बीओआई
  •  वरिष्ठ नागरिक
  •  अति वरिष्ठ

कर गणना और भुगतान

आयकर विभाग ने एक ऑनलाइन टेक्से कैलकुलेटर - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं। व्यक्ति, हिन्दू अविभाजित परिवार, कंपनी, फर्म, एओपी, बीओआई, आदि संबंधित आकलन वर्ष की कर राशि की गणना कर सकते हैं।

कर भुगतानकर्ता, कटौतीकर्ता या संग्राहक किसी नाम निर्दिष्टत बैंक शाखाओं - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं पर नकद / चैक द्वारा उपयुक्त चालान - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं के माध्यम से अपने कर का भुगतान कर सकते हैं। एक ऑनलाइन भुगतान सुविधा - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं भी उपलब्ध है।

आयकर विवरणी जमा करना
आयकर विवरणी जमा करना

कराधान नियमों के अनुसार किसी कमाई करने वाले व्यक्ति / इकाई के लिए अनिवार्य है कि वह इस तथ्य के बावजूद अपनी विवरणी जमा करे कि उसके नियोक्ता द्वारा स्रोत पर उसके कर में कटौती की गई है या नहीं और चाहे वह राशि वापस पाने का पात्र है या नहीं।

टिप्‍पणी : सीबीडीटी ने दिनांक 1-05-2013 की अधिसूचना द्वारा, आकलन वर्ष 2013-14 के लिए विवरणी की ई-फाइलिंग उन लोगों के लिए अनिवार्य बना दी गई है, जिनकी कुल आकलन योग्‍य आय 5 लाख रुपए से अधिक है। सीबीडीटी ने अपनी पूर्व अधिसूचनाओं में क्रमश: 2011-12 और 2012-13 के लिए अन्‍य स्रोतों से 10,000 रुपए तक आय सहित पांच लाख रुपए तक की कुल आय वाले वेतनभोगी कर्मचारियों को विवरणी जमा करने की आवश्‍यकता से रियायत दी थी। यह छूट केवल आकलन वर्ष 2011-12 और 2012-13 के लिए उपलब्‍ध थी। यह रियायत कम्‍प्‍यूटर पर 'विवरणियों की पेपर फाइलिंग' और 'मैनुअल प्रविष्टि के माध्‍यम से कार्रवाई' पर विचार करते हुए दी गई थी।

आयकर विवरणी (आईटीआर) जमा करने के लिए एक विशेष आकलन वर्ष के आईटीआर जमा करने की जरूरत होती है। आकलन वर्ष 2013-14 हेतु आयकर विवरणी जमा करने के लिए आईटीआर प्रपत्र निम्नाननुसार हैं :

नोट: - सभी प्रपत्र पीडीएफ में हैं

भारतीय नागरिक आयकर विवरणी

सहज (आईटीआर-1) - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

सहज - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है and सुगम - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है रंगीन प्रपत्र हैं जिसमें मानक विशेषताएं हैं। कर भुगतानकर्ता अब वेबसाइट से इन प्रपत्रों को डाउनलोड - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं कर सकते हैं और ए4 साइज़ के सफेद कागज पर एक रंगीन प्रिंटर का उपयोग करते हुए इन्हें प्रिंट कर सकते हैं। सहज और सुगम की प्रिंट विशिष्टियां पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

कृपया प्रपत्र भरने से पहले सावधानीपूर्वक सहज के लिए अनुदेश - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है पढ़ें।

व्यक्तियों और हिन्दू अविभाजित परिवारों के लिए किसी व्यापार या पेशे से आय नहीं है

आईटीआर 2 - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

आईटीआर 2 के लिए अनुदेश पढ़ें - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

व्यक्तियों / हिन्‍दू अविभाजित परिवारों के लिए जो फर्मों में भागीदार हैं और किसी स्वा‍मित्व के अधीन कोई व्यापार या पेशा नहीं करते हैं

आईटीआर 3 - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

आईटीआर 3 के लिए अनुदेश पढ़ें - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

सुगम - पूर्वानुमान व्यारपार आयकर विवरणी

सुगम (आईटीआर-4एस) - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

सहज और सुगम की प्रिंट विशिष्टियां पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है। कृपया प्रपत्र भरने से पहले सावधानीपूर्वक सुगम के लिए अनुदेश पढ़ें - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

व्यक्तियों और हिन्दू अविभाजित परिवारों के लिए जिनकी आय स्वाढमित्व वाले व्यापार या व्यवसाय से है

आईटीआर 4 - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

आईटीआर 4 के लिए अनुदेश पढ़ें - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

फर्मों, एओपी तथा बीओआई के लिए

आईटीआर 5 - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

आईटीआर 5 के लिए अनुदेश पढ़ें - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

कंपनियों के लिए, उन कंपनियों के अलावा जो धारा 11 के तहत दावा करती हैं

आईटीआर 6 - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

आईटीआर 6 के लिए अनुदेश पढ़ें - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

उन व्यक्तियों सहित कंपनियों के लिए जिन्हें3 139 (4ए) या धारा 139 (4बी) या धारा 139 (4सी) या धारा 139 (4डी) के तहत विवरणी भरने की आवश्यआकता है

आईटीआर 7 - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

आईटीआर 7 के लिए अनुदेश पढ़ें - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

ई‍-विवरणी और गैर ई-विवरणी के लिए पावती

पावती - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है

पिछले वर्ष के लिए प्रपत्रों और अगले अनुदेशों को यहां देखा - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं जा सकता है।

आयकर विवरणी की ई-फाइलिंग

ई-फाइलिंग - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं सुविधा आयकर विभाग द्वारा सबसे पहले आकलन वर्ष 2006-07 के दौरान पहले बार आरंभ की गई थी। वर्तमान में धारा 44एबी के तहत सांविधिक लेखापरीक्षण की आवश्यककता वाली कंपनियों और फर्मों के लिए अपनी आयकर विवरणी को ई-फाइल करना अनिवार्य है। साथ ही ई-फाइलिंग के लाभ न्यासों के अलावा सभी आकलनों तक विस्तानरित किए गए हैं।

पंजीकरण की ई-फाइलिंग पोर्टल के विवरण कृपया यहां देखे - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं जा सकते हैं।

पंजीकृत प्रयोक्ता् ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं जैसे : विवरणी / प्रपत्र जमा करना, प्रपत्र देखना, 26एएस (कर क्रेडिट), बकाया कर मांग, आईटीआर-V रसीद की स्थिति, सीपीसी वापसी की स्थिति, शुद्धिकरण स्थिति, आकलन अधिकारियों का क्षेत्राधिकार आदि।

स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस)
Tax Deduction at Source (TDS)

स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) करों के संग्रह की विधियों में से एक है, जिसके द्वारा एक व्यक्ति की ओर से दूसरे व्यक्ति को कुछ विशिष्ट प्रकार के भुगतान करते / क्रेडिट करते समय राशि के एक निश्चित प्रतिशत को लिया जाता है और यह काटी गई राशि सरकार के खाते में जमा की जाती है। यह अन्य देशों में कर रोकने की योजना के समान है कि "जैसे ही आप कमाएं आप भुगतान करें"।

प्रत्येक व्यक्ति आयकर अधिनियम के टीडीएस प्रावधानों के तहत आने वाले प्रकार के भुगतान के जिम्मेदार होने पर कर की कटौती के लिए भी जिम्मेंदार होगा। जबकि व्यक्ति और हिन्दूा अविभाजित परिवार के संबंध में धारा 194ए, 194सी, 194एच, 194आई और 194 जे के तहत किए जाने वाले भुगतानों के मामले में यदि कारोबार या व्यावसायिक प्राप्ति क्रमश: 40 लाख रु. या 10 लाख रु. (01.07.2010 से प्रभा‍वी इसकी सीमा क्रमश: 60 लाख रु. या 15 लाख रु. है) तो उसे स्रोत पर कर की कटौती करनी होगी।

टीडीएस की मूलभूत बातें जानें - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं

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