प्रधानमंत्री उज्जवला योजना

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना

"स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन" के नारे के साथ केंद्र सरकार नें 1 मई 2016 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नेतृत्व में एक सामाजिक कल्याण योजना - "प्रधानमंत्री उज्जवला योजना" की शुरूआत की है।

यह योजना एक धुँआरहित ग्रामीण भारत की परिकल्पना करती है और वर्ष 2019 तक 5 करोड़ परिवारों, विशेषकर गरीबी रेखा से नीचे रह रही महिलाओं को रियायती एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखती है। योजना से एलपीजी के उपयोग में वृद्धि होगी और स्वास्थ्य संबंधी विकार, वायु प्रदूषण एवं वनों की कटाई को कम करने में मदद मिलेगी।


पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय इस योजना का कार्यान्वयन कर रहा है।

  1. मुख्य विशेषताएं
  2. उद्देश्य
  3. बजट एवं आवंटन
  4. कार्यान्वयन
  5. पात्रता के मापदंड
  6. आवश्यक दस्तावेज
  7. प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
  8. प्रधानमंत्री उज्जवला योजना
  9. प्रधानमंत्री उज्जवला योजना

मुख्य विशेषताएं

  • आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने अगले 3 साल के लिए 8000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी।
  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना बीपीएल परिवारों के लिए 5 करोड़ एलपीजी कनेक्शन, 1600 रुपये की वित्तीय सहायता के साथ प्रदान करेगा
  • 2016 के बजट भाषण में योजना के बारे में घोषणा की गई और वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2000 रुपये करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया।
  • कनेक्शनों को महिला लाभार्थियों के नाम पर जारी किया जायेगा।
  • चूल्हे एवं रिफिल की लागत के लिए ईएमआई की सुविधा भी प्रदान की जायेगी।
  • यह प्रधानमंत्री के गिव इट अभियान के मानार्थ है जिसके तहत 75 लाख मध्यम वर्ग और निम्न मध्यम वर्ग के परिवारों नें स्वेच्छा से अपने रसोई गैस सब्सिडी को छोड़ दिया है।

उद्देश्य

  • महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा
  • खाना पकाने के लिए एक स्वस्थ ईंधन उपलब्ध कराना
  • जीवाश्म ईंधन के उपयोग के कारण ग्रामीण आबादी के लाखों लोगों के बीच स्वास्थ्य से संबंधित खतरों को रोकने के लिए।

बजट एवं आवंटन

सरकार द्वारा इस योजना के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2016-17 से शुरू होने वाले तीन वर्षों के लिए कुल 8000 करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया गया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के कार्यान्वयन के लिए 2016-2017 में सरकार ने 2000 करोड़ रुपये का आवंटन पहले ही कर दिया है। वर्तमान वित्तिय वर्ष में सरकार लगभग 1.5 करोड़ बीपीएल परिवारों को एलपीजी कनेक्शन वितरित करेगी।

यह योजना प्रधानमंत्री के "गिव इट" अभियान के माध्यम से एलपीजी सब्सिडी में बचाये गये पैसे का उपयोग कर लागू किया जाएगा। भारत सरकार ने अब तक एलपीजी सब्सिडी में लगभग 5,000 करोड़ रुपये बचा लिया है। "गिव इट" अभियान के शुभारंभ के बाद से 1.13 करोड़ लोगों नें सब्सिडी का परित्याग किया और बाजार मूल्य पर एलपीजी सिलेंडर खरीद रहे हैं।

वित्तीय सहायता

यह योजना पात्र बीपीएल परिवारों को प्रत्येक एलपीजी कनेक्शन के लिए 1600 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इस योजना के तहत कनेक्शनों को परिवार के महिला मुखिया के नाम पर जारी किया जायेगा। सरकार ईएमआई की सुविधा भी प्रदान करेगी।

कार्यान्वयन

यह इतिहास में पहली बार है कि पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय इतनी विशाल कल्याण का कार्यान्वयन कर रहा है जो बीपीएल परिवारों से संबंधित करोड़ों महिलाओं को लाभ प्रदान करेगा। पात्र बीपीएल परिवारों का पहचान राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के परामर्श से किया जाएगा। यह योजना तीन साल अर्थात् वित्तीय वर्ष 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में लागू किया जाएगा।

पात्रता के मापदंड

  • आवेदक को 18 वर्ष की आयु से ऊपर की महिला होना चाहिए।
  • आवेदक एक बीपीएल कार्ड धारक ग्रामीण निवासी होना चाहिए।
  • महिला आवेदक का सब्सिडी राशि प्राप्त करने के लिए देश भर में किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक में बचत बैंक खाता होना चाहिए।
  • आवेदक परिवार के घर पहले से एलपीजी कनेक्शन नही होना चाहिए।

आवश्यक दस्तावेज

  • बीपीएल राशन कार्ड
  • पंचायत प्रधान / नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा अधिकृत बीपीएल प्रमाण पत्र
  • एक फोटो पहचान पत्र (आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड)
  • हाल का एक पासपोर्ट आकार का फोटो
  • बुनियादी विवरण जैसे नाम, संपर्क जानकारी, जन धन / बैंक खाता संख्या, आधार कार्ड नंबर आदि

योजना का आवेदन प्रपत्र

लाभार्थियों के लिए आवेदन पत्र पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा उपलब्ध है। आवेदक अपनी आवश्यकतानुसार अंग्रेजी एवं हिंदी में फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं।