
केंद्रीय बजट 2014-2015 का उद्देश्य "सब का साथ सब का विकास" है जिसमें समाज के सभी वर्गों के विकास पर ध्यान दिया गया है। 10 जुलाई को संसद में अपना पहला बजट भाषण पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि भारत खुद को गरीबी के अभिशाप से मुक्त कर विकास की ओर अग्रसर है। उनके अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक पुनर्प्राप्ति के लिए कुशलता के साथ आगे बढ़ना होगा। वित्त मंत्री के अनुसार सरकार ऐसी नीति लाना चाहती है जो वांछित विकास, मुद्रास्फीति की दर में कमी ला सके, बाहरी क्षेत्रों के बीच संतुलन बनाये रखने और विवेकपूर्ण नीति लाने में सहायक हो।
वर्तमान आर्थिक स्थिति और चुनौतियाँ

वर्तमान आर्थिक स्थिति और चुनौतियों पर बोलते हुए श्री जेटली ने कहा: "परिवर्तन लाने के लिए किया गया निर्णायक मतदान लोगों के विकास करने, खुद को गरीबी के अभिशाप से मुक्त करने और समाज के द्वारा उपलब्ध अवसरों का उपयोग करने की इच्छा को दर्शाता है। देश के लोग बेरोज़गारी, अपर्याप्त मूलभूत सुविधाओं, बुनियादी संरचना के अभाव और भाव शून्य शासन इत्यादि से जूझना नहीं चाहते है।
इन चुनौतियों का कारण 5 प्रतिशत विकास दर और द्वि-अंकीय मुद्रास्फीति है।
विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाओं में जारी मंदी वैश्विक स्तर पर सतत प्रतिपूर्ति की राह में एक बाधा बनी हुई है।
2013 तथा 2014 में विश्व की अर्थव्यवस्था के अनुमानित विकास दर की प्रतिपूर्ति 3.6 प्रतिशत देखी गई है।
एनडीए सरकार का देश की दशा और दिशा के निर्धारण के सम्बन्ध में स्पष्ट नीतिगत संकेतकों को दर्शाने वाला पहला बजट।
उठाये जाने वाले ठोस कदम की घोषणा अगले 3-4 वर्षों में वृहत्त-आर्थिक स्थायित्व के साथ-साथ 7 से 8 प्रतिशत या इससे ज्यादा के स्थिर विकास दर को प्राप्त करने के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने का द्योतक है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और उनके जनादेश 'सबका साथ सबका विकास' के नेतृत्व में सरकार की विकास-परक कार्यनीतियों में जनता की बढ़ती उम्मीदें झलकती हैं।"
बजट का अनुमान
- 12,19,892 करोड़ रुपए का गैर-योजना व्यय के साथ-साथ सशस्त्र बलों के लिए उर्वरक सब्सिडी और पूंजीगत व्यय के लिए अतिरिक्त प्रावधान।
- 5,75,000 करोड़ रुपये योजना व्यय - वर्ष 2013-14 की वास्तविक दर में 26.9 फीसदी की वृद्धि।
- कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा, ग्रामीण सड़क और राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना के क्षेत्र में क्षमता निर्माण, रेलवे नेटवर्क में विस्तार, स्वच्छ ऊर्जा पहल, जल संसाधन और नदी संरक्षण योजनाओं के विकास आदि की दिशा में लक्षित योजना।
- 17,94,892 करोड़ रुपये के कुल खर्च का अनुमान है।
- सकल कर प्राप्तियों का अनुमान 13,64,524 करोड़ है।
- 9,77,258 करोड़ रुपए का कुल केन्द्रीय अनुमान है।
- सकल घरेलू उत्पाद के 4.1% के राजकोषीय घाटे और 2.9% के राजस्व घाटे का अनुमान है।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए बनाई गई योजना के लिए आवंटन को अलग से दिखाने के लिए नया विवरण।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र को 53,706 करोड़ रुपये का आवंटन।
आर्थिक पहल

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प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) - सरकार चुनिंदा क्षेत्रो में एफडीआई को बढ़ावा देगी।
- एफआइपीबी के ज़रिए पूर्ण भारतीय प्रबंधन और नियंत्रण के साथ विदेशी निवेश की मिश्रित सीमा बढाकर 49% करना।
- बीमा क्षेत्र में एफआइपीबी के ज़रिए पूर्ण भारतीय प्रबंधन और नियंत्रण के साथ मिश्रित सीमा 26 प्रतिशत से बढाकर 49 प्रतिशत करना।
- स्मार्ट शहरों के विकास के लिए एफडीआई के विनिर्माण क्षेत्र की आवश्यकता को 50,000 वर्ग मी. से घटाकर 20,000 वर्ग मी. करना और पूँजी सम्बन्धी शर्तों को 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटाकर 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर करना।
- विनिर्माण इकाइयों को अपने उत्पाद ई-कामर्स प्लेटफार्मों सहित खुदरा स्तर पर बेचने की अनुमति।
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बैंक पूंजीकरण - स्तर l-III मानकों के अनुरूप 2018 तक हमारे बैंकों में इक्विटी के रूप में रू 2,40,000 करोड़ के पूंजीकरण की ज़रूरत।
- चरणबद्ध रूप से जनता की शेयरधारिता के ज़रिये बैंकों में पूँजी को बढ़ाये जाने की ज़रूरत।
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स्मार्ट शहर - "सौ स्मार्ट शहरों के विकास की परियोजना के लिए चालू राजकोष में रू 7060 करोड़ की राशि मुहैया कराई जाएगी।
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अचल संपत्ति - अचल संपत्ति निवेश न्यास (आरईआईटीएस) को प्रोत्साहन। कराधान के प्रयोजन हेतु पूर्णतः पारित।
- अवसंरचना निवेश न्यास के रूप में अवसंरचना परियोजनाओं हेतु अशोधित आरईआईटीएस की तरह संरचना।
- ये दो उपाय एनआरआई सहित विदेशी और घरेलु स्रोतों से दीर्घावधिक वित्तीय निवेश जुटाने के लिए हैं।
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सिंचाई - सुनिश्चित सिंचाई हेतु "प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना" के लिए रू 1000 करोड़ दिए गए हैं।
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ग्रामीण विकास - ग्रामीण क्षेत्रों में एकीकृत परियोजना आधारित अवसंरचना हेतु श्यामा प्रसाद मुख़र्जी नगरीय मिशन।
- ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बढाने हेतु फीडर अलग करने के लिए "दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना" के लिए रू 500 करोड़।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए रू 14,389 करोड़ दिए गए हैं।
- मनरेगा के अंतर्गत अधिक उत्पादक, आस्ति सृजन और कृषि सम्बद्ध क्रियाकलापों के लिए दिहाड़ी रोज़गार दिया जाएगा।
- आजीविका के अंतर्गत महिला स्व-सहायता समूहों के लिए 4% पर बैंक ऋण के प्रावधान को अन्य 100 जिलों तक बढाया गया।
- ग्रामीण उद्यमिता कार्यक्रम आरम्भ करने के लिए आरम्भ में रू 100 करोड़ दिए जायेंगे ताकि ग्रामीण युवकों को स्थानीय उद्यमिता कार्यक्रम शुरू करने हेतु प्रोत्साहित किया जा सके।
- राष्ट्रीय आवास बैंक का आवंटन ग्रामीण आवास सहायता हेतु रू 8000 करोड़ बढाया गया।
- आरंभिक 2142 करोड़ के परिव्यय के भीतर देश में जल संभरण विकास को गति देने के लिए नये कार्यक्रम "नीरांचल" की शुरुआत।
- अंतर जिला असमानता के समाधान हेतु पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि का पुनर्गठन।
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अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति - अनुसूचित जाति योजना के अंतर्गत 50,548 करोड़ तथा जनजातीय उप-योजना के अंतर्गत 32,387 करोड़ देने का प्रस्ताव है।
- जनजाति के कल्याण के लिए 100 करोड़ रुपये के आरंभिक आवंटन के साथ "वन बंधू कल्याण योजना" शुरू की गई।
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वरिष्ठ नागरिक/विकलांग व्यक्ति - 60 वर्ष और इससे अधिक आयु वाले नागरिकों के लाभ के लिए 15 अगस्त, 2014 से 14 अगस्त, 2015 तक सीमित अवधि के लिए वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना फिर से शुरू की जाएगी।
- एक समिति जांच करेगी और सिफारिश करेगी कि पीपीएफ, डाकघर, बचत योजनाओं की दावा न की जाने वाली राशि का उपयोग वरिष्ठ नागरिकों के वित्तीय हितों को सुरक्षित रखने और बढ़ाने में किया जा सके।
- सरकार ने ईपी योजनाओं के सभी सदस्यों को न्यूनतम पेंशन के रूप में 1000 रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा की है, इसके लिए आरंभिक प्रावधान 250 करोड़ रुपये का है।
- अंशदान की अनिवार्य नेज सीमा बढाकर रू 15,000 की गई है। इसके लिए चालू बजट में 250 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
- ईपीएफओ सभी अंशदायी संदायों की सेवा के लिए "समरूप खाता संख्या" जारी करेगा।
- यूनिवर्सल डिजाइन, मानसिक स्वास्थ्य, पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों और निशक्तता खेलों के लिए केंद्र स्थापित किया जाएगा।
- 15 नई ब्रेल प्रेस की स्थापना तथा 10 मौजूदा ब्रेल प्रेस में आधुनिकीकरण के लिए राज्य सरकारों को सहायता।
- सरकार दृष्टि बधित व्यक्तियों के लिए ब्रेल लिपि में चिह्नांकित मुद्रा नोट छापेगी।
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महिला एवं बाल विकास - "सार्वजनिक सड़क परिवहन में महिलाओं की सुरक्षा" हेतु रू 500 करोड़ के परिव्यय से एक प्रायोजिक परिक्षण योजना।
- बड़े नगरों में महिलाओं की सुरक्षा बढाने की योजना के लिए 150 करोड़ की राशि।
- राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सभी जिलों में इस वर्ष सरकारी तथा निजी अस्पताल तथा "रक्त प्रबंधन केंद्र"।
- महिलाओं के लिए कल्याणकारी सेवाओं की दक्षता व उनके सुधार के लिए जागरूकता बढाने व सहायता हेतु "बेटी बचाओ- बेटी पढाओ" योजना हेतु 100 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है।
- स्कूलों के पाठ्यक्रम में लैंगिक मुख्य धारा पर एक अलग अध्याय।
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पेयजल एवं स्वच्छता - आर्सेनिक, फ्लोराइड, भारी विषैले पदार्थों, कीटनाशकों/ उर्वरकों से प्रभावित 20,000 घरों को अगले तीन वर्षों में सामुदायिक जल सफाई सयंत्रों द्वारा साफ़ और सुरक्षित पेयजल मुहैया कराया जाएगा।
- प्रत्येक घर को 2019 तक स्वच्छता सुविधा उपलब्ध कराने के लिए "स्वच्छ भारत अभियान"।
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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण - "सबके लिए स्वास्थ्य" का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निःशुल्क दवा सुविधा तथा निःशुल्क निदान सेवा।
- भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली और मद्रास मेडिकल कॉलेज, चेन्नई में आयुर्वेद सम्बन्धी दो राष्ट्रीय संस्थान स्थापित किये जाएँगे।
- दन्त चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर का अनुसंधान और रेफरल संस्थान स्थापित किया जाएगा।
- आन्ध्र प्रदेश, प. बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में एम्स जैसे संस्थान की स्थापना के लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
- 12 नये सरकारी चिकित्सा संस्थानों की स्थापना।
- नई ड्रग परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना एवं राज्य दावा विनियामक और खाद्य विनियामक प्रणाली का सुदृढ़ीकरण होगा और 31 मौजूदा प्रयोगशालाओं को भी सुदृढ़ किया जाएगा।
- ग्रामीणों की देखभाल के लिए स्थानीय स्वास्थ्य मामलों पर शोध व अनुसंधान के लिए 15 ग्रामीण स्वास्थय अनुसंधान केन्द्रों की स्थापना।
- छ: महीनों के भीतर भारत में कुपोषण से निपटने के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम चलाया जाएगा।
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शिक्षा - पहले चरण में सभी बालिका विद्यालयों में शौचालय और पेयजल की सुविधा मुहैया कराई जाएगी, इसमें सर्वशिक्षा अभियान(एसएसए) के लिए रू 28635 करोड़ तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) के लिए 4966 करोड़ की राशि प्रदान की जा रही है।
- 30 करोड़ की आरंभिक लागत से स्कूल आकलन कार्यक्रम आरम्भ किया जाएगा।
- नए प्रशिक्षण उपकरण लगाने और अध्यापकों के प्रोत्साहन हेतु "पंडित मदनमोहन मालवीय नए अध्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम" हेतु 500 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।
- ज्ञान बढाने और ऑनलाइन पाठ्यक्रम हेतु संचार से जुडी प्रणाली के रूप में वास्तविक कक्षाओं की स्थापना हेतु 100 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।
- मध्य प्रदेश में जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय मानविकी उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।
- जम्मू, छत्तीसगढ़, गोवा, आन्ध्र प्रदेश और केरल में 5 और आईआईटी की स्थापना हेतु 500 करोड़ दिये गए हैं।
- हिमाचल प्रदेश, पंजाब, बिहार, उड़ीसा और राजस्थान में 5 आईआईएम।
- उच्च अध्ययन हेतु शिक्षा सम्बन्धी ऋण के लिए मानदंडो का सरलीकरण।
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सूचना प्रौद्योगिकी - रू 500 करोड़ के परिव्यय वाला पेन इंडिया कार्यक्रम "डिजिटल इंडिया" शुरू किया जाएगा।
- "सुप्रशासन" को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके लिए 100 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है।
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सूचना और प्रसारण - 600 नए और वर्तमान के सामुदायिक रेडियो स्टेशन हेतु रू 100 करोड़ आवंटित।
- फिल्म और टेलीविज़न संस्थान, पुणे और सत्यजीत राय फिल्म और टेलीविज़न संस्थान, कोलकाता को राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों का दर्जा देने का प्रस्ताव और 'एनीमेशन, गेमिंग और स्पेशल इफेक्ट्स ' में राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।
- नयी कृषि तकनीकों, जल संरक्षण, जैविक कृषि जैसे विषयों पर किसानों को समसामयिक जानकारी प्रदान करने हेतु किसान टीवी के लिए 100 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं।
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शहरी विकास - सरकार का लक्ष्य है कि पीपीपी के ज़रिये अगले 10 वर्ष में अवसंरचना और सेवाओं के नवीकरण हेतु 500 शहरी गृह उपलब्ध कराएं जाए।
- नगरपालिका जमा ऋण देयता सुविधा निधि की वर्तमान सीमा 5000 करोड़ रुपये से बढाकर 50,000 करोड़ रुपये की जाएगी।
- लखनऊ और अहमदाबाद में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 100 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है।
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आवास - लोगों, विशेषकर युवाओं को अपने घर के लिए प्रोत्साहित करने हेतु गृह ऋणों पर विस्तारित अतिरिक्त कर का प्रोत्साहन।
- राष्ट्रीय आवास बैंक के सहारे निम्न लागत के सस्ते मकान सम्बन्धी मिशन का गठन।
- शहरी गरीब/ ईडब्लूएस/एलआईजी घटकों को सस्ते मकान हेतु उपलब्ध कराये जाने वाले सस्ते ऋण की अधिकता बढाने के लिए प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र हेतु राष्ट्रीय आवास बोर्ड को 4000 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई जा रही है।
- निजी क्षेत्र को अधिक अंशदान करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु गन्दी बस्ती के विकास को निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व सम्बन्धी कार्यकलापों में शामिल किया जाएगा।
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अल्पसंख्यक - अल्पसंख्यकों के विकास के लिए पुश्तैनी कला में कौशल और प्रशिक्षण के उन्नयन हेतु "कला, संसाधन और सामग्रियों में पारंपरिक कौशल का उन्नयन" कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
- मदरसों के आधुनिकीकरण हेतु रू 100 करोड़ की अतिरिक्त राशि।
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कृषि - सरकार रू 100 करोड़ की आरंभिक राशि से असम और झारखण्ड में दो अन्य उत्कृष्ट कृषि अनुसंधान संस्थान स्थापित करेगी।
- "एग्री टेक अवसंरचना निधि" हेतु 100 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है।
- आंध्रप्रदेश और राजस्थान में कृषि विश्वविद्यालय और तेलंगाना व हरियाणा में बागवानी विश्वविद्यालय के लिए 200 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है।
- प्रत्येक किसान को मिशन मोड में मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने की योजना है। इस योजना हेतु 100 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए हैं और देश भर में 100 मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करने हेतु अतिरिक्त 56 करोड़ उपलब्ध कराए जाएंगे।
- जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए 100 करोड़ की राशि से "राष्ट्रीय अनुकूलन निधि" बनाई जाएगी।
- कृषि में 4% की वृद्धि दर हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- "प्रोटीन क्रांति" सहित उच्च उत्पादकता पर ध्यान देते हुए प्रौद्योगिकी आधारित दूसरी हरित क्रांति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- कृषि उत्पादों में मूल्य अस्थिरता के जोखिम को कम करने के लिए "मूल्य स्थिरीकरण निधि" बनाने हेतु 500 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है।
- केंद्र सरकार राज्य सरकारों के साथ मिलकर उनके एपीएमसी अधिनियमों को पुनःउन्मुख करने के लिए काम करेगी।
- स्वदेशी पशुओं की नस्लों के विकास और अंतर्देशीय मत्स्यपालन में मत्स्य क्रांति शुरू करने के लिए के लिए 50-50 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
- भण्डागार क्षेत्र को मज़बूत करने और किसानों को फसल कटाई के पश्चात ऋण उपलब्ध कराने की सुविधा में सुधार लाने के लिए परिवर्तन योजना।
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कृषि ऋण - भूमिहीन श्रमिकों को संस्थागत वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना, नाबार्ड के ज़रिये "भूमिहीन किसान" के 5 लाख संयुक्त कृषि वर्गों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है।
- 2014-15 के दौरान कृषि ऋण के लिए 8 लाख करोड़ राशि निर्धारित की गई है।
- अंतरिम बजट में प्रदत्त ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि के लिए 25000 करोड़ की धनराशि में 5000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी की गई है।
- भांडागारण अवसंरचना निधि हेतु 5000 करोड़ आवंटित किये गए हैं।
- सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को पुनर्वित्त सहायता उपलब्ध कराने के लिए "दीर्घावधिक ग्रामीण ऋण निधि" बनाई जाएगी।
- अल्पावधि सहकारी ग्रामीण ऋण हेतु 50,000 करोड़ की राशि आवंटित।
- अगले दो वर्षों में 2000 उत्पादक संगठनो के निर्माण के लिए नाबार्ड उत्पादक विकास और उत्थान निधि हेतु 200 करोड़ की राशि प्रदान की गई है।
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खाद्य सुरक्षा - भारतीय खाद्य निगम की पुनर्संरचना करने, ढुलाई और वितरण सम्बन्धी हानियों को कम करने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दक्षता बढाने आदि कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करने का लक्ष्य निर्धारित है।
- सरकार समाज के कमज़ोर वर्गों को उचित कीमतों पर गेहूं और चावल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
- यदि आवश्यकता पड़ी तो सरकार कीमतों को नियंत्रित करने के लिए खुला बाज़ार बिक्री की शुरुआत करेगी।
उद्योग, निवेश और बुनियादी ढांचा
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उद्योग - केंद्रीय सरकार के विभागों और मंत्रालयों को प्राथमिकता के आधार पर इस वर्ष 31 दिसम्बर तक अपनी सेवाओं को ई-बिज-एकल विंडो आईटी प्लेटफार्म के साथ जोड़ना।
- राष्ट्रीय औद्योगिक प्राधिकरण की स्थापना के लिए 100 करोड़ उपलब्ध कराये गए हैं।
- अमृतसर कोलकाता औद्योगिक मास्टर योजना को शीघ्र पूर्ण करना।
- चेन्नई-बेंगलुरु ओद्योगिक क्षेत्र में 3 नए स्मार्ट शहरों की मास्टर योजना, तमिलनाडु में पोन्नेरी, आन्ध्रप्रदेश में कृष्णापट्टनम और कर्नाटक में तुमकुर को पूरा किया जाना।
- 20 नए औद्योगिक क्लस्टरों के लिए प्रावधान के साथ-साथ बेंगलुरु- मुंबई आर्थिक कॉरिडोर (बीएमईसी) और विजाग-चेन्नई कॉरिडोर हेतु संभावित योजना को पूरा किया जाना।
- विनिर्माण और शहरीकरण में वृद्धि हेतु परिवहन संयोजकता से जुड़े स्मार्ट शहरों पर बल देते हुए औद्योगिक कॉरिडोर के विकास में तेज़ी लाई जाएगी।
- सभी हितधारकों को एक सीमा के अंतर्गत लाने के लिए एक निर्यात संवर्धन मिशन स्थापित करने का प्रस्ताव है।
- प्रशिशुता अधिनियम को उपयुक्त ढंग से संशोधित किया जाएगा ताकि उद्योग और युवाओं को और उत्तरदायी बनाया जा सके।
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सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र - रोज़गार परक और उद्यम कौशल पर बल देते हुए युवाओं के कौशल विकास के लिए कौशल भारत की शुरुआत करना।
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए वित्तीय अवसंरचना की जाँच करने, बाधाओं को दूर करने और नए नियमों को तैयार करने और संरचनाओं के गठन किये जाने और तीन महीनों में ठोस सुझाव देने के लिए एक समिति का गठन किया जाना।
- उद्यम पूँजी निधि, अर्ध-इक्विटी और कम ब्याज वाले ऋण और अन्य जोखिम पूँजी के ज़रिये खासकर युवाओं द्वारा नयी योजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इक्विटी उपलब्ध कराने हेतु 10000 करोड़ के आधारभूत निधि की स्थापना की गई है।
- रू 200 करोड़ की आधारभूत निधि वाले तकनीकी केंद्र नेटवर्क की स्थापना की जाएगी।
- उच्चतर पूँजी की अधिकतम सीमा निर्धारित करने के लिए एमएसएमई की परिभाषा का पुनरीक्षण किया जाएगा।
- विनिर्माण और सेवा सुपुर्दगी की बहुमूल्य श्रृंखला वाले अगले और पिछले संयोजन को सुकर बनाने के लिए कार्यक्रम की शुरूआत की जाएगी।
- उद्यम अनुकूल विधिक दिवालिया फ्रेमवर्क का विकास किया जाएगा ताकि सुगम निकास को समर्थ बनाया जा सके।
- उद्यमिता में तेज़ी लाने हेतु नई अवधारणाओं और आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए राष्ट्रव्यापी "जिला स्तरीय ऊष्मायन और त्वरित कार्यक्रम" शुरू किया जाएगा।
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वस्त्र - हथकरघा उत्पादों को विकसित करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए व्यापार सुविधाकरण केंद्र और शिल्प संग्राहलय की स्थापना हेतु 50 करोड़ उपलब्ध कराए गए हैं जिससे वाराणसी के हथकरघा की समृद्ध परंपरा को आगे बढ़ाया जा सके।
- वाराणसी तथा छह अन्य स्थानों बरेली, लखनऊ, सूरत, कच्छ, भागलपुर और मैसूर में वस्त्र मेगा-क्लस्टर विकसित करने के लिए कुल 500 करोड़ का आवंटन।
- दिल्ली में पीपीपी प्रणाली में हथकरघा/हस्तशिल्प क्षेत्र के संरक्षण, पुनस्र्त्थान और प्रलेखन के लिए हस्तकला अकादमी की स्थापना के लिए 20 करोड़ का आवंटन।
- पश्मीना संवर्धन कार्यक्रम (पी-3) और जम्मू-कश्मीर के अन्य शिल्पों के विकास की शुरुआत के लिए 50 करोड़ उपलब्ध कराया गया है।
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अवसंरचना - 4पी इंडिया नामक पीपीपीपी को मुख्यधारा में लाने के लिए सहायता उपलब्ध कराने हेतु 500 करोड़ की निधि वाले संस्थान की स्थापना की जाएगी।
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पोत परिवहन - चरण-1 हेतु तूतीकोरिन में बाह्य बंदरगाह परियोजना के विकास हेतु 11,635 करोड़ का आवंटन किया जाएगा।
- कांडला और जेएएनपीटी में विशेष आर्थिक क्षेत्र का विकास किया जाएगा।
- भारतीय जहाज निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए व्यापक नीति की घोषणा की जाएगी।
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अंतर्देशीय नौवहन - इलाहाबाद और हल्दिया के बीच गंगा के ऊपर "जल मार्ग विकास" नामक परियोजना का विकास किया जाएगा।
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नए हवाई अड्डे - टीयर–1 और टीयर–2 शहरों में नए हवाई अड्डों के विकास हेतु योजना की शुरुआत की जाएगी।
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सड़क क्षेत्र - स्वीकृति सम्बन्धी प्रचुर अडचनों के निराकरण के साथ-साथ इस क्षेत्र में भारी मात्रा में निवेश की जरूरत है।
- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और राज्य के सड़कों के बीच 37,880 करोड़ की राशि निवेश करने का प्रस्ताव है जिसमें पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 3000 करोड़ शामिल हैं।
- मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान 8500 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लक्ष्य को प्राप्त कर लिया जाएगा।
- औद्योगिक कॉरिडोर के समांतर विकास के लिए चुनिंदा एक्सप्रेस मार्ग पर काम शुरू किया जाएगा। योजना तैयार करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को 500 करोड़ दिए जाएंगे।
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उर्जा - "अल्ट्रा-मॉडर्न सुपर क्रिटिकल कोयला आधारित ताप विद्युत् प्रौद्योगिकी" नामक नई योजना के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं।
- घरेलू कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए व्यापक उपाय किये जा रहे हैं।
- उन विद्युत संयंत्रों को कोयले की पर्याप्त मात्रा की प्रदान की जाएगी जो पहले से शुरू है या मार्च 2015 तक शुरू किये जाएंगे।
- कोयले को अधिक से अधिक ढ़ोने एवं विद्युत् की लागत को कम करने के लिए कोयला संयोजन को तर्कसंगत बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
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नवीन एवं अक्षय उर्जा - राजस्थान, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश एवं लद्दाख में अल्ट्रा मेगा सौर परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये प्रदान किये गए।
- सौर विद्युत प्रेरक कृषि पंपसेट और जल पंपिंग स्टेशनों के लिए योजना हेतु 400 करोड़ रुपये प्रदान किये गए।
- नहरों के किनारे 1 मेगावाट के सौर पार्कों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये प्रदान किये गए।
- देश में नवीकरणीय उर्जा के निष्क्रमण को सुकर बनाने के लिए हरित उर्जा कॉरिडोर परियोजना कार्यान्वित की जा रही है।
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पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस - कोल बेड मीथेन भंडारों का उत्पादन और दोहन तेज किया जाएगा।
- पुराने और बंद कुओं को दोबारा चालू करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रयोग की संभावना खोजी जाएगी।
- मिशन मोड में पीएनजी का प्रयोग तेज़ी से बढ़ाया जाएगा।
- उपयुक्त पीपीपी मॉडलों का प्रयोग करते हुए पाइपलाइनों को विकसित करने का प्रस्ताव।
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खनन - खनन क्षेत्र में निवेश को बढ़ाने तथा संपोषणीय खनन प्रथाओं के संवर्धन के लिए, यदि आवश्यक हुआ तो, एमएमडीआर अधिनियम, 1957 में परिवर्तन किए जाएंगे।
रक्षा और आंतरिक सुरक्षा
- "एक रैंक एक पेंशन" के लिए जरूरत को पूरा करने हेतु 1000 करोड़ की अतिरिक्त राशि।
- रक्षा के लिए पूंजीगत व्यय 5000 करोड़ बढ़ा दिया गया है जिसमें सीमा क्षेत्रों में रेलवे प्रणाली के विकास को गति प्रदान करने के लिए 1000 करोड़ की राशि शामिल है।
- अधिप्राप्ति प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए तत्काल कदम उठाये जाएंगे ताकि इसे तेज और अधिक दक्ष बनाया जा सके।
- प्रिंसेस पार्क में युद्ध स्मारक के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं जिसे युद्ध संग्रहालय द्वारा संपूरित किया जाएगा।
- रक्षा के लिए प्रौद्योगिकी विकास निधि स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- राज्य पुलिस बलों के आधुनिकीकरण के लिए चालू वित्त वर्ष में 3000 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- वामपंथी अतिवाद से प्रभावित जिलों के लिए अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता हेतु पर्याप्त आवंटन।
- सीमावर्ती अवसंरचना को मजबूत बनाने तथा आधुनिक बनाने के लिए 2250 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- सीमावर्ती गांवों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए 990 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं।
- मरीन पुलिस स्टेशन, जेट्टी के निर्माण एवं नौकाओं की खरीद के लिए 150 करोड़ रुपये की राशि चिन्हित की गई है।
- राष्ट्रीय पुलिस स्मारक के निर्माण के लिए 50 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
अन्य प्रस्तावों
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संस्कृति एवं पर्यटन - एकता की मूर्ति (राष्ट्रीय परियोजना) के निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण (ई-वीज़ा) की सुविधा भारत के नौ हवाई अड्डों पर चरणबद्ध ढंग से शुरू की जाएगी।
- जिन देशों को इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकरण (ई-वीज़ा) की सुविधा प्रदान की जाएगी, उसे चरणबद्ध ढंग से चिन्हित किया जाएगा।
- विशिष्ट विषयों पर 5 पर्यटन सर्किट विकसित करने के लिए 500 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- राष्ट्रीय तीर्थ यात्रा नवीकरण तथा आध्यात्मिक आवर्धन अभिज्ञान मिशन (पीआरएएसडी) के लिए 100 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- राष्ट्रीय विरासत शहर विकास और आवर्धन योजना (एचआरआईडीएवाई) के लिए 200 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- पुरातात्विक स्थलों के परिरक्षण के लिए 100 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- पूरे विश्व से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सारनाथ-गया-वाराणसी बौद्ध सर्किट को विश्वस्तरीय पर्यटन सुविधाओं के साथ विकसित किया जाएगा।
- नदियों को जोड़ने के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के लिए 100 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- समेकित गंगा संरक्षण मिशन "नमामि गंगे" के लिए 2037 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- केदारनाथ, हरिद्वार, कानपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, पटना और दिल्ली में घाट विकास और सौंदर्यीकरण के लिए 100 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- गंगा के लिए एनआरआई निधि स्थापित की जाएगी।
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विज्ञान और प्रौद्योगिकी - तकनीकी अनुसंधान केन्द्रों के रूप में सरकार कम से कम पांच संस्थाओं को मजबूत बनाएगी।
- फरीदाबाद एवं बंगलुरु में बायोटेक कलस्टरों का विकास।
- मोहाली में नवजात कृषि-बायोटेक कलस्टर विकसित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त पुणे और कोलकाता में दो नए कलस्टर स्थापित किये जाएंगे।
- अंतर्राष्ट्रीय आनुवंशिक इंजीनियरिंग तथा जैव-प्रौद्योगिकी केंद्र (आईसीजीईबी) के दिल्ली घटक को जैव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी में विश्व के अग्रणी के रूप में स्थानांतरित करने के लिए भारत के नेतृत्व में वैश्विक सहभागिता को विकसित किया जाएगा।
- 2014-15 के लिए कई मुख्य अंतरिक्ष मिशनों की योजना बनाई गई है।
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खेल और युवा कार्य - जम्मू और कश्मीर के इंडोर और आउटडोर खेल स्टेडियम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए 200 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- मणिपुर में खेल विश्वविद्यालय के लिए 100 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- हिमालय क्षेत्र के खेलों में विशेष खेल परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए भारत एक वार्षिक प्रतियोगिता प्रारंभ करेगा।
- आगामी एशियाई खेलों के लिए महिला एवं पुरुष खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए 100 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- 100 करोड़ के प्रारंभिक आवंटन के साथ "युवा नेता कार्यक्रम" शुरू किया जाएगा।
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पूर्वोत्तर राज्य - पूर्वोत्तर राज्यों में जैविक खेती के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- पूर्वोत्तर क्षेत्रों में रेल संपर्क के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये प्रदान किये गए हैं।
- पूर्वोत्तर की समृद्ध सांस्कृतिक और भाषाई पहचान को मजबूत आधार प्रदान करने के लिए "अरूण प्रथा" नामक एक नया चैनल (24x7) शुरू किया जाएगा।
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आंध्रप्रदेश और तेलंगाना - आंध्रप्रदेश-पुनर्गठन अधिनियम, 2014 में आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के विकास से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार के दायित्व को पूरा करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों/विभागों द्वारा प्रावधान किया गया है।
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राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली - दिल्ली को विश्व स्तरीय शहर बनाने के लिए और विद्युत सम्बन्धी सुधार लाने के लिए 200 करोड़ एवं जल सम्बन्धी सुधार लाने के लिए 500 करोड़ की राशि प्रदान की गई है।
- राजधानी क्षेत्र में जल आपूर्ति से सम्बन्धित मुद्दों के निवारण हेतु 50 करोड़ की राशि प्रदान की गई है। लम्बे समय से बंद पड़ी रेणु बाँध योजना का कार्य फिर से शुरू किया जाएगा।
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अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एवं पुड्डुचेरी - द्वीप में संचार संबंधी समस्याओं के निवारण हेतु 150 करोड़ की राशि प्रदान की गई है।
- आपदा सम्बन्धी तैयारी के लिए आवश्यक चीज़ें उपलब्ध कराने हेतु पुड्डुचेरी को 188 करोड़ की राशि दी गई है।
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विस्थापित कश्मीरी प्रवासी - विस्थापित कश्मीरी प्रवासियों को पुनर्वास संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए 500 करोड़ प्रदान किये गए हैं।
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हिमालय सम्बन्धी अध्ययन - उत्तराखंड में राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन केंद्र स्थापित करने हेतु 100 करोड़ की राशि प्रदान की गई है।
कर सम्बन्धी प्रस्ताव

अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार, विनिर्माण में निवेश को बढ़ावा, मुकदमों को कम करने के लिए युक्तिसंगत कर प्रावधान, कुछ क्षेत्रों में असंगत शुल्क संरचना की समस्या का समाधान करने के लिए उपाय। व्यक्तिगत करदाताओं को कर संबंधी राहत।
प्रत्यक्ष कर संबंधी प्रस्ताव
- 60 वर्ष से कम आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा 50,000 रुपये तक बढ़ा दी गई है अर्थात इसे 2 लाख से बढ़ाकर रू 2.5 लाख कर दिया गया है। वहीँ वरिष्ठ नागरिको के लिए इसे 2.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख कर दिया गया है।
- कॉर्पोरेट अथवा व्यक्तिगत, एचयूएफ, व्यवसाय संघो आदि के लिए कर की दर में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
- शिक्षा उपकर 3 प्रतिशत ही रहेगा।
- आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत निवेश की सीमा को 1 लाख से बढ़ाकर रू 1.5 लाख कर दिया गया है।
- आवासीय संपत्ति के लिए ऋण पर ब्याज कटौती की सीमा 1.5 लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर दी गई है।
- अवसंरचना निवेश न्यासों और स्थावर सम्पदा निवेश न्यासों की सहायक कर पद्धति की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के विनियमों के अनुरूप की जाएगी।
- किसी वर्ष में नए संयंत्र और मशीनरी में 25 करोड़ से अधिक का निवेश करने वाली विनिर्माण कंपनी को 15 प्रतिशत की दर से निवेश छूट दी जाएगी। यह सुविधा तीन वर्षों के लिए अर्थात 31.03.2017 तक किये जाने वाले निवेशों के लिए है।
- निवेश संबद्ध कटौती को दो नए क्षेत्रों, लौह अयस्क की ढुलाई के लिए गारा पाइपलाइन और सेमी-कंडक्टर वफर संरचना इकाईयों तक बढ़ाना।
- 31.03.2017 तक विद्युत् का उत्पादन, वितरण और सम्प्रेषण शुरू करने वाले उपक्रमों को 10 वर्षों के लिए कर की छूट।
- प्रतिभूतियों में लेन-देन से विदेशी निवेशको को होने वाली आय को पूंजीगत लाभ समझा जाएगा।
- बिना अंतिम तिथि वाले विदेशी लाभांशो पर 15 प्रतिशत की रियायती दर बनी रहेगी।
- ब्याज के भुगतान पर कर की दर में 5 प्रतिशत की रियायत के लिए विदेशी मुद्रा में उधार की योग्य तिथि को 30.06.2015 से 30.06.2017 तक कर दिया गया है। अवसंरचना संबंधी ऋणपत्र को छोड़कर सभी प्रकार के ऋणपत्र पर कर संबंधी प्रोत्साहन दिया गया है।
सेवा कर के दायरे में शामिल की गई कुछ अन्य सेवाएं
सेवा क्षेत्र में कराधार को व्यापक करने के लिए प्रसारण मीडिया में स्थान के विक्रय या विज्ञापन के लिए अधिरोप्य सेवा कर का विस्तार किया जा रहा है जिससे ऑनलाइन और मोबाइल विज्ञापन जैसे अन्य क्षेत्रों को भी इसमें शामिल किया जा सके। कर प्रस्तावों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने अपने पहले बजट भाषण में कहा कि प्रिंट मीडिया के विज्ञापनों को सेवा कर के दायरे से बाहर रखा जायेगा। हालांकि रेडियो टैक्सियों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं को सेवा कर के अंतर्गत लाया गया है। वित्त मंत्री के अनुसार 2014-15 के कर प्रस्ताव में अप्रत्यक्ष कर के द्वारा रु 7525 करोड़ की प्राप्ति होगी।
वित्त मंत्री ने वातानुकूलित संविदा कैरिजों और मानव प्रतिभागियों पर नव विकसित दवाओं के तकनीकी परीक्षण द्वारा दी जा रही सेवाओं पर सेवा कर लगाने की घोषणा की है। भारत के बाहर संचालित किये जाने वाले दौरे के संबंध में विदेशी पर्यटकों को भारतीय टूर ऑपरेटरों द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं को सेवा कर के दायरे से बाहर रखा जायेगा। रेंट-ए-कैब और टूर ऑपरेटरों के द्वारा प्रदान की जाने वाली पर्यटन सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए सेनवेट क्रेडिट की अनुमति दी गई है।