सरकारी संसाधनों के उच्च आवंटन के लिए बजट का निर्माण किया गया है। केंद्रीय बजट को दो भागों में संसद में प्रस्तुत किया:
- "रेल वित्त" से संबंधित रेल बजट।
- सामान्य बजट जो भारत सरकार की वित्तीय स्थिति के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देता है। इसके अंतर्गत रेल बजट के प्रावधानों को ध्यान में रखा जाता है।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली जी ने 28 फरवरी को संसद में केंद्रीय बजट 2015-16 प्रस्तुत किया जिसके अंतर्गत विकास, उद्यमिता और विनिर्माण को बढ़ावा देने, कर व्यवस्था को उचित बनाने और आम आदमी को राहत प्रदान करने की कोशिश की गई है।
बजट अनुमान

- वित्त वर्ष हेतु गैर-योजना खर्च Rs.13,12,200 करोड़ अनुमानित।
- आयोजना व्यय Rs.4,65,277 करोड़ अनुमानित है जो स.अ.2014-15 के बहुत निकट है।
- तदनुसार कुल व्यय Rs.177,77,477 करोड़ अनुमानित है।
- रक्षा, आंतरिक सुरक्षा व्यय और अन्य आवश्यक व्यय की आवश्यकता कि पर्याप्त पूर्ति का प्रावधान किया गया।
- सकल कर प्राप्तिया Rs.14,49,490 करोड अनुमानित है । राज्यों का अंतरण Rs.5,23,958 करोड अनुमानित है केंद्र सरकार का हिस्सा Rs.9,19,842 करोड़ होगा आगामी वित्त वर्ष कि लिए कर भिन्न राजस्व रु 2,21,733 करोड अनुमानित है।
- राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.9 प्रतिशत और राजस्व घाटा सकल घेरलू उत्पाद का 2.8 प्रतिशत होगा।

संबंधित कड़ियाँ

- सबका बजट - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है
- बजट की मुख्य विशेषताएं 2015-2016 (274 KB) - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है
- बजट भाषण - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है
- एक नजर में बजट - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है
- आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है
- रेल बजट 2015-16


तीन प्रमुख उपलबधिया
- वित्तीय समावेशन -100 दिनों के भीतर Rs. 12.5 करोड परिवारों को वित्तीय मुख्यधारा में शामिल किया गया।
- राज्यों को वृधि संसाधनों के अंतरण के लिए ब्लॉक का पारदर्शी आवंटन।
- स्वच्छ भारत अभियान स्वच्छता और साफ़ सफाई बढाने का कार्यकम भर नही था बल्कि यह एक पुनर्जीवन आंदोलन बन गया है।
- अत्यधिक परिवर्तनकारी सुधार:
- वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)
- जन धन,आधार और मोबाइल- प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के लिए है।
प्रमुख चुनौतियाँ

- पांच प्रमुख चुनौतियाँ: कृषि आय में गिरावट आना, अवसंरचना में बढ़ता निवेश,विनिर्माण में आती हुई गिरावट, राज्यों के करों में उच्च विकेंद्रीकरण के दृश्य में संसाधनों की कमी, राजकोषीय अनुशासन बनाए रखना।
- इन चुनौतियों से निपटने की लिए सार्वजानिक क्षेत्र में तीव्र निवेश की जरुरत है। विनिर्माण क्षेत्र में नौकरियो के सृजन के लिए “मेक इन इण्डिया कार्यक्रम कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, मनरेगा जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकता वाले महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को सहयोग जारी रखना तथा सडको के साथ साथ ग्रामीण अवसंरचना।
- 2014-15 में राजकोषीय घाटे को जी.डी.पी के 4.1 प्रतिशत पर नियंत्रित रखा गया था। जबकि कम मह्गाई और परिणामस्वरूप सब सहवर्ती का प्लाव्क्ता से जी.डी.पी की दर मामूली तौर पर नीचे रही थी।
बजट की मुख्य विशेषताए
क्षेत्रीय विशिष्टता

संबंधित लिंक्स
- इन्फो ग्राफिक में बजट - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है
- बजट में पूछे गए प्रश्न - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है
- वीडियो: बजट प्रस्तुति - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है
- फोटो - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है
- केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया भेजें - बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडो में खुलती है